EC Report: बीजेपी 'धनवर्षा' में भी अव्वल! कांग्रेस से 6 गुना ज्यादा चंदा मिला, आंकड़े देखकर खुली रह जाएंगी आंखें
EC Report: निर्वाचन आयोग ने पांच राष्ट्रीय दलों की रिपोर्ट सार्वजनिक की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी को बीते एक साल में कांग्रेस से छह गुना ज्यादा चंद मिला है।
EC Report: केंद्र की सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर साल भर में खूब धन वर्षा हुई है। 2021-22 के दौरान बीजेपी को कांग्रेस के मुकाबले 6 गुना अधिक चंदा मिला है। ये हम नहीं, बल्कि निर्वाचन आयोग (Election Commission) के आय-व्यय संबंधी एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। देश की 8 राष्ट्रीय पार्टियों में से 5 की आय-व्यय रिपोर्ट निर्वाचन आयोग ने सार्वजनिक की है। चंदा पाने वालों में जहां बीजेपी अव्वल है वहीं कांग्रेस दूसरे स्थान पर है। तीसरे चौथे और पांचवें पायदान पर क्रमशः आम आदमी पार्टी (AAP), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) है।
निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट (EC Report) के अनुसार, 2021-22 में केंद्र सहित कई राज्यों में सरकार चला रही बीजेपी को 614.53 करोड़ रुपए चंदे के तौर पर मिले हैं। बता दें, ये आंकड़े 20 हजार रुपए से अधिक की धनराशि एकमुश्त देने वालों के मद में मिली है।
देखें किस पार्टी को मिला कितना चंदा
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ऊपर साल 2021-22 के दरमियान खूब 'धनवर्षा' हुई है। बीजेपी को इस वित्त वर्ष के दौरान चंदे के रूप में 614.53 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। चंदा जुटाने में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस, बीजेपी से करीब 6 गुना पीछे रही। चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस को इस समय अवधि में 95.46 करोड़ रुपए चंदा मिला है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) को 44.45 करोड़ रुपए चंदा मिला है। इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) को चंदे के रूप में 43 लाख रुपए मिले तो मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को 10.05 करोड़ रुपए धनराशि प्राप्त हुई है। बता दें, माकपा की केरल में सरकार है।
राजनीतिक दल आयोग को देती है रिपोर्ट
बता दें ये रिपोर्ट राजनीतिक दलों द्वारा निर्वाचन आयोग को भेजे आंकड़ों पर आधारित होता है। राजनीतिक दल सिर्फ 20 हजार रुपए या इससे ज्यादा एकमुश्त चंदा देने वालों का ब्यौरा ही आयोग के पास भेजती है। जिसमें व्यक्तिगत तौर पर 20 हजार रुपए से कम का योगदान करने वालों से मिली रकम की आय का ब्यौरा नहीं होता।
राष्ट्रीय दलों ने हाल में निर्वाचन आयोग को प्राप्त हुए चंदे की ताजा रिपोर्ट पेश की थी। इन्हीं दस्तावेजों को मंगलवार को सार्वजनिक किया गया। द रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पिपुल एक्ट (The Representation of the People Act) यह निर्धारित करता है कि पार्टियां व्यक्तिगत दान दाताओं तथा संस्थाओं से प्राप्त 20 हजार रुपए से अधिक के योगदान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करती हैं।