दार्जिलिंग : पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में शुक्रवार देर रात हुए बम विस्फोट में कुछ दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। घटना के संबंध में पुलिस ने शनिवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के अध्यक्ष बिमल गुरुंग सहित तीन नेताओं के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है। इस घटना में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है, लेकिन इससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल है।
जीजेएम ने बम विस्फोट से अपनी संबद्धता से इनकार किया है।
पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार चतुर्वेदी ने बताया, "दार्जिलिग के बस स्टैंड क्षेत्र में आधी रात को 12.10 बजे के करीब बम विस्फोट हुआ। विस्फोट में कोई भी घायल नहीं हुआ, क्योंकि उस समय वहां कोई मौजूद नहीं था। हम घटना की जांच कर रहे हैं।"
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यह विस्फोट गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा आहूत अनिश्चितकालीन बंद के 69वें दिन हुआ। जीजेएम अलग गोरखालैंड की मांग कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, बस स्टैंड क्षेत्र के सामने की दुकानें और सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है।
विस्फोट के बाद दमकलकर्मी, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान मौके पर पहुंचे। पुलिस की भी क्षेत्र में तैनाती की गई है।
अभी तक किसी भी शख्स या संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पुलिस ने कहा है कि जीजेएम के शीर्ष नेताओं गुरुं ग, प्रकाश गुरुं ग और प्रवीण सुब्बा को प्रथम दृष्टया संदिग्ध पाया गया है।
शनिवार को अपराह्न में पुलिस ने तीनों नेताओं एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
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एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "दार्जिलिंग के बस अड्डे पर हुए बम विस्फोट मामले में बिमल गुरुंग, प्रकाश गुरुंग और प्रवीण सुब्बा एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।"
जीजेएम के अध्यक्ष बिमल गुरुं ग ने एक वक्तव्य जारी कर इस विस्फोट को गोरखालैंड का विरोध करने वालों का 'कारनामा' करार दिया है और विस्फोट की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच समिति गठित किए जाने की मांग की है, जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी शामिल हो।