सीमा विवाद: सर्दियों में भी भारत और चीन के बीच एलएसी पर जारी रहेगी तकरार!

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पैंगोंग झील पर गलवान जैसी झड़प हुई है। जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और भी ज्यादा बढ़ गया है।

Update: 2020-09-02 11:40 GMT
भारत को अंदेशा है कि चीन जरूर बॉर्डर पर कोई नापाक हरकत करेगा। इसलिए उसकी हर गतिविधियों पर भारत सैनिकों ने नजर बना रखी है।

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पैंगोंग झील पर गलवान जैसी झड़प हुई है। जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और भी ज्यादा बढ़ गया है।

बताया जा रहा है कि ये झड़प एलएसी पर गश्त रोकने को लेकर हुई थी। चीन ने आठ से दस किमी. के हिस्से में भारतीय सैनिकों के गश्त रोकने का प्रयास किया था। जिस पर भारत ने अपना विरोध दर्ज कराया था और इसी बात को लेकर दोनों देश की सेनाओं के बीच झड़प हुई थी।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फोटो(साभार-सोशल मीडिया)

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भारत से चीन की बातचीत रही बेनतीजा

बता दें कि जब से गलवान घाटी में झड़प हुई थी तभी से चीन की फौज 'पीपल्स लिबरेशन आर्मी' (पीएलए) ने पैंगोंग झील पर अपनी नजरें गड़ा दी थी। इस बीच कई बार दोनों देश के सैन्य अधिकारियों के बीच वार्ताए भी हुई थी लेकिन बातचीत बेनतीजा ही रही।

चीन ने समझौते के खिलाफ जाकर सीमा पर तनाव बढ़ावा शुरू कर दिया था। गलवान और पैंगोग झील पर हुई झड़प इसी का हिस्सा थी। दोनों देश के बीच आज सीमा पर युद्ध जैसे हालात बने हुए है। दोनों तरफ से भारी मात्रा में सैनिक बॉर्डर पर तैनात किये गये हैं।

भारत को अंदेशा है कि चीन जरूर बॉर्डर पर कोई नापाक हरकत करेगा। इसलिए उसकी हर गतिविधियों पर भारत सैनिकों ने नजर बना रखी है।

दक्षिण हिस्से पर चीन जिस तरह से आगे बढ़ रहा है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि सर्दियों के दौरान लद्दाख में दोनों देशों के सैनिकों के बीच आमना-सामना होता रहेगा।

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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की फोटो(साभार सोशल मीडिया)

गलवान घाटी में झड़प के बाद से दोनों के बीच बढ़ी तल्खी

याद दिला दें कि बीते जून के महीने में लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच तीखी झड़प हो गई थी। जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गये थे। इसके जवाब में चीन के कई जवान भी भारतीय सैनिकों की तरफ से ढेर कर दिए गये थे। लेकिन चीन की सरकार ने इस बाबत कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया।

इससे पहले जब कभी दोनों देशों के सैनिक आपस में टकराते थे तो अधिकारियों की मीटिंग में इसे सुलझाया जाता था। इस बार जून की घटना के बाद वह सब पूरी तरह बंद हो गया है। दोनों तरफ के सैनिक आक्रोशित हैं। वे अब आर-पार के मूड में हैं।

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