Budget: सरकार का 1.75 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य, जानें क्या-क्या बेचने की तैयारी
वित्र मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि बीते साल बड़े विनिवेश की योजना तैयार की गई थी। इसमें एलआईसी के शेयर को बेचा जाना भी शामिल था। सीतारमण ने कहा है कि इस योजना का इस साल पूरा किया जा सकता है।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आम बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य साल 2021-22 में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का है। हालांकि पिछली बार सरकार ने ने विनिवेश के जरिए 2.1 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था। हालांकि पूरा नहीं हो पाया।
वित्र मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि बीते साल बड़े विनिवेश की योजना तैयार की गई थी। इसमें एलआईसी के शेयर को बेचा जाना भी शामिल था। सीतारमण ने कहा है कि इस योजना का इस साल पूरा किया जा सकता है।
इन कंपनियों को हिस्सेदारी बेचने की तैयारी
केंद्र सरकार इस विनिवेश के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 2 पीएसयू बैंक्स और एक इंश्योरेंस कंपनी समेत पब्लिक सेक्टर की कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने की तैयारी की है। वित्त मत्री ने पीएसई पॉलिसी पेश की और कहा कि आईडीबीआई बैंक, बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्प, कंटेनर कॉर्पोरेशन, नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड समेत कई अन्य कंपनियों की रणनीतिक बिक्री वित्तीय वर्ष 2021-22 में होगी। जबकि एलआईसी आईपीओ के लिए कुछ विधायी संशोधन 2021-22 में किए जाएंगे।
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इसके साथ ही शेयर बाजार में तेजी के मद्देनजर केंद्र सरकार कुछ CPSE में हिस्सेदारी भी ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेच सकती है। जबकि अन्य प्राइवेटाइजेशन डील्स के भी वित्त वर्ष 2022 तक पूरा होने की संभावना है।
ब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज पाॅलिसी को मंजूरी
केंद्र सरकार ने नए पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज पाॅलिसी को इजाजत दे दी है। सरकार मानती है कि इसके माध्यम से निजिकरण की रफ्तार तेज होगी। सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 में वित्तीय समर्थन इन कार्यक्रमों की सफलता के बाद मिले राजस्व पर निर्भर करता है।
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बजट में वित्त मंत्री ने एफडीआई पर बड़ा ऐलान किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं बीमा कंपनियों में 49 फीसदी से 74 फीसदी तक अनुमति एफडीआई सीमा को बढ़ाने और सुरक्षा उपायों के साथ विदेशी स्वामित्व और नियंत्रण की अनुमति देने के लिए बीमा अधिनियम 1938 में संशोधन करने का प्रस्ताव करती हूं।
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अभी तक के विनिवेश के आंकड़ों को देखें तो चालू वित्त वर्ष में विनिवेश का आंकड़ा करीब 30-40 हजार करोड़ रुपये तक ही जा सकता है पहुंच सकता है, जो बीते पांच साल में सबसे कम होगा।
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