CAA-NRC पर ममता सरकार को तगड़ा झटका, हाईकोर्ट ने दिया ये बड़ा आदेश

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार को कोलकाता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ में टीएमसी और खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कई रैलियां की हैं।

Update: 2019-12-23 10:43 GMT

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार को कोलकाता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ में टीएमसी और खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कई रैलियां की हैं।

ममता सरकार ने संभावित एनआरसी को भी सिरे से खारिज कर दिया है। इसी को लेकर ममता सरकार ने राज्य भर में नागरकिता संशोधन कानून और एनआरसी विरोधी पोस्टर लगाए थे, जिन्हें अब हाईकोर्ट ने हटाने को कहा है।

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चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली डिविजन बेंच ने कहा है कि सभी सार्वजनिक स्थानों से वह पोस्टर और विज्ञापन हटा दें जिस पर CAA और एनआरसी के विरोध प्रकाशित किए गए हैं।

Anti CAA-NRC विज्ञापनों के खिलाफ वकीलों के एक समूह ने याचिका दायर की थी। उन्होंने टीएमसी सरकार के उस फैसले के खिलाफ अदालत गए जिसके तहत टीवी, वेबसाइट्स और अखबारों को सीएए और एनआरसी विरोधी विज्ञापन जारी किये गए थे। इन विज्ञापनों में यह बताया गया था कि पश्चिम बंगाल सरकार सीएए और संभावित एनआरसी के खिलाफ है और इसे लागू नहीं करेगी।

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याचिका में कहा गया था कि सरकार अपना प्रोपगैंडा फैलाने के लिए जनता के पैसों का इस्तेमाल कर रही है। कोर्ट ने कहा कि कुछ समय के लिए इन विज्ञापनों पर रोक लगा दें। इस मामले पर अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी।

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बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने इस मामले पर कहा कि यह संविधान की जीत है, क्योंकि टीएमसी संविधान का अपमान कर रही थी। संविधान के तहत बनाए गए एक कानून का अपमान करना और फिर जनता के पैसे से विज्ञापन जारी करना सरासर गलत है।

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