Canada India Tension: कनाडा की जम्मू-कश्मीर, मणिपुर और असम न जाने की सलाह, अपने नागरिकों को जारी की एडवाइजरी, तल्ख हुए भारत से रिश्ते

Canada India Tension: भारत सरकार ने कनाडा के प्रधानमंत्री की ओर से लगाए गए सारे आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया है। इसके बाद प्रधानमंत्री ट्रूडो ने मंगलवार को कहा कि वे भारत को उकसाने या तनाव बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-09-20 09:10 IST

Canada PM Justin Trudeau  (photo: social media )

Canada India Tension: कनाडा में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे पर भारत और कनाडा के रिश्ते लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से निज्जर की हत्या के मामले में भारत को घेर जाने के बाद भारत ने भी कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। कनाडा की ओर से एक भारतीय राजनयिक को निकाले जाने के बाद भारत ने भी कनाडा के एक डिप्लोमेट को देश छोड़ने का आदेश दिया है। अब कनाडा सरकार की ओर से जारी एक एडवाइजरी से दोनों देशों के रिश्ते और तल्ख हो गए हैं। कनाडा सरकार की ओर से अपने नागरिकों को जम्मू कश्मीर, मणिपुर और असम न जाने की सलाह दी गई है।

भारत सरकार ने कनाडा के प्रधानमंत्री की ओर से लगाए गए सारे आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया है। इसके बाद प्रधानमंत्री ट्रूडो ने मंगलवार को कहा कि वे भारत को उकसाने या तनाव बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। वे केवल अलगावादी नेता की हत्या को गंभीरता से लेने का आग्रह कर रहे हैं। जानकार सूत्रों के मुताबिक कनाडा ने अमेरिका को भरोसे में लेने के बाद भारत को घेरने का बड़ा कदम उठाया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के बयान से यह बात साफ तौर पर जाहिर होती है।

कनाडा की एडवाइजरी से तनाव बढ़ा

कनाडा सरकार की ओर से जारी एक एडवाइजरी ने दोनों देशों के बिगड़ते रिश्ते की आग में घी डालने का काम किया है। दरअसल कनाडा सरकार ने अपने नागरिकों को जम्मू कश्मीर न जाने की सलाह दी है। कनाडा सरकार का कहना है कि जम्मू कश्मीर उग्रवाद से प्रभावित है और वहां टेरेरिज्म और किडनैपिंग का खतरा है। इसके साथ ही कनाडा की ओर से अपने नागरिकों को मणिपुर और असम न जाने की सलाह भी दी गई है।

कनाडा सरकार की ओर से यह एडवाइजरी ऐसे समय में जारी की गई है जब प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का बड़ा आरोप लगाया है। इसके साथ ही एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित भी कर दिया है। इस एडवाइजरी से साफ हो गया है कि दोनों देशों के बीच टकराव अब चरम बिंदु पर पहुंच चुका है।

भारत को उकसाने की कोशिश नहीं

वैसे कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने मंगलवार को जारी नए बयान में कहा कि वे भारत को उकसाने या तनाव बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हमने निज्जर की हत्या से जुड़े कुछ तथ्य सबके सामने रखे हैं। हम चाहते हैं कि इस मुद्दे पर भारत सरकार के साथ काम करें ताकि हर चीज स्पष्ट हो सके। उन्होंने कहा कि वे भारत के साथ तनाव बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। उन्होंने केवल अलगाववादी नेता की हत्या को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है। हमने स्पष्ट व उचित प्रक्रियाएं अपनाने के लिए यह कदम उठाया है।

इससे पूर्व उन्होंने कनाडा की संसद में कहा था कि

देश की सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच कनेक्शन की जांच करने में जुटी हुई है। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि कनाडा की सरजमीं पर कनाडा के नागरिक की हत्या में किसी भी दूसरे देश या विदेशी सरकार की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उनका कहना था कि राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान निज्जर की हत्या के मामले को उठाया गया था। उन्होंने कहा कि कनाडा की सरजमीं पर यहां के नागरिक की हत्या हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है। इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।

भारत ने आरोपों को बताया बकवास

दूसरी ओर भारत ने कनाडा की ओर से लगाए गए सारे आरोपों को बकवास, आधारहीन और गलत मंशा से प्रेरित बताया है। विदेश मंत्रालय ने कनाडा के प्रधानमंत्री के बयान को खारिज करते हुए कहा कि सारे आरोप बेतुके हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री की ओर से इसी तरह के आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष भी रखे गए थे और भारत की ओर से उस समय इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया गया था।

भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस तरह के आधारहीन आरोप लगाकर कनाडा के प्रधानमंत्री खालिस्तानी आतंकियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। खालिस्तानी आतंकियों को कनाडा में पनाह दी गई है और यह आतंकी भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं।

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