Health : कैंसर कारक फूड्स से दूरी बनाकर खुद को बनाएं हेल्दी

Update: 2018-03-16 10:28 GMT

नई दिल्ली: हाल ही गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर परिकर को पैंक्रियाज कैंसर की पुष्टि हुई है। अमेरिका में उनका इलाज चल रहा है। कैंसर की बात करें तो इसके कई प्रकार हैं और इसका हर रूप खतरनाक होता है। एक्सपर्ट के अनुसार अधिकतर कैंसर खराब लाइफ स्टाइल के कारण होते हैं। यकीन मानिए हमारे खानपान में कई ऐसी चीजें हैं जो कैंसर का कारण बन जाती हैं। इनसे बचकर या दूरी बनाकर हम इस घातक बीमारी से खुद को बचा सकते हैं। कुछ ऐसी ही चीजें पर ध्यान रखकर कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव कर सकते हैं।

प्रोसेस्ड फूड्स है खतरनाक

कैंसर कारकों में प्रोसेस्ड फूड्स सबसे आगे है। इसमें आर्टिफीशियल कलर्स, केमिकल लेवलर्स, साल्ट, शुगर मिलाए जाते हैं। अत्यधिक नमक वाले स्मोक्ड और पिकल्ड फूड्स पेट के कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। जापान इसका उदाहरण है। वहां पिकल्ड फूड्स खूब खाए जाते हैं और पेट के कैंसर रोगी भी सबसे ज्यादा हैं। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन के अनुसार अत्यधिक नमक वाले खाद्य पदार्थ पेट के कैंसर का खतरा 10 फीसदी बढ़ा देते हैं। आर्टिफीशियल कलर्स भी स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक नुकसानदेय होते हैं। ये टॉक्सिक हैं और कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। जितना हो सके इससे दूर रहें।

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रेड मीट भी करता है नुकसान

कैंसर कारकों में रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट का अत्यधिक सेवन भी शामिल है। जो लोग प्रोसेस्ड मीट खा रहे हैं, उनके पेट में सोडियम नाइट्राइट और सोडियम नायट्रेट पहुंच रहा है। मीट की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए इनसे प्रोसेसिंग की जाती है। एक अध्ययन का निष्कर्ष है कि जो लोग रेड व प्रोसेस्ड मीट का ज्यादा सेवन करते हैं, वे आसानी से आंतों व पेट के कैंसर की गिरफत में फंस जाते हैं। ये रेड मीट कैंसर के साथ डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ाते हैं।

मीठा कम खाएं

अधिक मोटा खाने से वजन बढ़ता था। ज्यादा वजन या मोटापा कैंसर का खतरा बढ़ाता है। मोटापे से हार्मोन लेवल बदलता है और इंसुलिन के कारण ब्रेस्ट व गर्भाशय के कैंसर का खतरा बढ़ता है। ज्यादा शक्कर या ज्यादा कार्बोहाइड्रेट डाइट्स से वजन व मोटापा बढ़ता है। शक्कर केवल कूकीज, केक, सोडा, साफ्ट ड्रिंक्स या मिठाई में ही नहीं होती। पास्ता, सास, सलाद ड्रेसिंग और सब्जियों में भी शकर है। फूड लेबल्स पढ़ते समय ध्यान दें कि खाद्य पदार्थ में फ्रक्टोस, सुक्रोज, माल्टोस, ग्लूकोज, नेचरल शुगर्स जैसे शहद या मेपल सीरप तो नहीं है। यही सही है कि इनमें से कई में लाभदायक एंटीऑक्सिीडेंट्स हैंं, पर शक्कर के कारण इनका ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए।

चिप्स, स्नैक फूड से दूर रहें

इनमें एक्रीलेमाइड होता है जो इन फूड्स को हाई टेम्प्रेचर पर तपाने से बनता है। इनमें दूसरा कैंसरकारक पदार्थ है ट्रांसफैट्स या ट्रांसफैटी एसिड्स। यह हाइड्रोजेनेशन के दौरान बनता है। ये पदार्थ न केवल कार्डियोवासक्युलर रोग व टाइप टू डायबिटिज का खतरा बढ़ाते हैं, बल्कि इनके अत्यधिक सेवन से पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। ट्रांसफैट भी कैंसर कारक होता है। बार-बार एक ही तेल को गर्म करने से ही उसमें ट्रांसफैट बढ़ते हैं।

अल्कोहल और स्मोकिंग भी जानलेवा

शराब यानी अल्कोहल के अत्यधिक सेवन से कई किस्म के कैंसर का खतरा बढ़ता है। अल्कोहल से मुंह, लिवर, ब्रेस्ट, आंतों व गले के कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। इसके साथ ही स्मोकिंग भी अधिकतर कैंसर के कारण होते हैं। सिगरेट में करीब चार हजार से अधिक प्रकार के कैमिकल्स होते हैं और इनमें से अधिकतर कैंसर को जन्म देते हैं। इसका यूज नहीं करना चाहिए। अगर कोई स्मोकिंग करता है तो तत्काल छोड़ दें। स्मोकिंग छोडऩे के बाद भी बीमारियों से भी बचाव होता है। कैंसर का खतरा घटता है।

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