Road Safety Rules: कार में बैठने से पहले जान लें सीट बेल्ट से जुड़े ये सख्त नियम, उल्लंघन पड़ेगा बहुत भारी

Road Safety Rules in India: डकरी के बताया कि जिस तरह कार में आगे बैठे पैसेंजर के सीट बेल्ट न लगाने पर अलार्म बजता है, ऐसा ही सिस्टम पीछे की सीट पर बैठने वाले पैसेंजर के लिए भी होगा।

Update:2022-09-07 16:26 IST

Important Road Safety Rules in Car Seatbelt (Photo - Social Media)

Road Safety Rules in India: टाटाग्रुप के पूर्व चेयरमैन और जाने-माने उद्योगपति साइरस मिस्त्री के पिछले दिनों सड़क हादसे में हुई मौत के बाद से रोड शेफ्ट का मुद्दा चर्चाओं में है। भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां सबसे अधिक सड़क हादसे और उसमें होने वाली मौतें होती हैं। इन हादसों में मरने वालों का आंकड़ा लाखों में है। मिस्त्री की मौत से सबक लेते हुए सरकार ने अब कार में बैठे हर यात्रियों के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य करने का निर्णय़ लिया है।

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि इस संबंध में जल्द ही एक आदेश जारी किया जाएगा। गडकरी के बताया कि जिस तरह कार में आगे बैठे पैसेंजर के सीट बेल्ट न लगाने पर अलार्म बजता है, ऐसा ही सिस्टम पीछे की सीट पर बैठने वाले पैसेंजर के लिए भी होगा। इसके लिए कार कंपनियों को निर्देश दिया जाएगा।

नियम तोड़ने वालों को देना होगा फाइन

नितिन गडकरी ने कहा कि पहले से ही पिछली सीट पर सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है, मगल लोग इसका पालन नहीं कर रहे हैं। इसलिए अब नियम न मानने वाले लोगों पर फाइन लगाया जाएगा। फाइन लगाना का मकसद और कुछ नहीं बल्कि लोगों में जागरूकता लाना है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य साल 2024 में सड़क हादसों में 50 फीसदी कटौती करना है।

क्या है सीट बेल्ट से जुड़े पुराने नियम

कार में बैठे सभी यात्रियों के लिए अनिवार्य रूप से सीट बेल्ट लगाने का नियम काफी पुराना है। केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 में इसको लेकर प्रावधान किया गया है। मगर फिलहाज जोर ड्राइवर और उसके बगल वाले सीट पर बैठे यात्री के सीट बेल्ट को ही दिया जाता है। कुछ ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऐसा नियम में स्पष्ट रूप से पिछली सीट के बारे में जिक्र न होने को लेकर है।

1 अक्टूबर 2002 के बाद बनी गाड़ियों के लिए भी अनिवार्य कर दिया है कि हर यात्री के लिए सीट बेल्ट की व्यवस्था होनी चाहिए। नियम में आठ सीटर गांड़ियों में भी सभी पैसेंजरों के लिए सीट बेल्ट की व्यवस्था करने की बात कही गई है। लेकिन अब तक इसका कड़ाई से पालन नहीं हो सका। मौजूदा समय में मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 194(B)(1) के मुताबिक, अगर ड्राइवर बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाते पकड़ा जाता है तो उसे 1 हजार रूपये का चलान भरना होता है।

एयरबैग भी अनिवार्य

नितिन गड़करी ने पिछली सीट पर सीट बेल्ट न लगाने वालों के लिए अलार्म सिस्टम लगाने की घोषणा के बाद एयरबैग को भी अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि नियमों के मुताबिक, भारत में फ्रंट पैसेंजर और ड्राइवर के लिए एयरबैग अनिवार्य है। लेकिन सरकार ने पिछले दिनों आदेश जारी कर 8 पैसेंजर वाले कारों में 6 एयरबैग लगाना कार कंपनियों के लिए अनिवार्य कर दिया है।

सीट बेल्ट लगाने के फायदे

एक आंकड़े के मुताबिक, भारत में 5 प्रतिशत कार चालक सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं। 62 प्रतिशत यात्रियों को नहीं पता कि रियर सीट बेल्ट जरूरी है। यही वजह है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि फाइन के जरिए उनका मकसद लोगों में जागरूकता को फैलाना है। दुनिया में अब तक हुए विभिन्न शोधों में सीट बेल्ट के उपयोग को फायदेमंद बताया गया है। इसे लगाने के बाद हादसों में जान जाने का जोखिम कम होता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट कहती है कि रियर सीट बेल्ट (पिछली सीट) लगाने से मौत की आशंका 25 प्रतिशत तक कम हो सकती है। फ्रंट सीट पर बैठे यात्री के सीट बेल्ट लगाने से गंभीर चोट लगने या मौत की आशंका कम हो जाती है। एयरबैग्स इंपैक्ट को कुशन करते हैं जबकि बेल्ट मूवमेंट को रोकता है। बिना बेल्ट के एयरबैग्स बेकार हैं। सीट बेल्ट ने उन पुरानी कारों में भी जिंदगियां बचाई हैं, जिनमें एयरबैग्स नहीं हुआ करते थे।

तो बच जाती मिस्त्री और उनके दोस्त की जान..

सीट बेल्ट का कार में सफर के दौरान क्या अहमियत होती है, इसे हालिया सड़क हादसे से समझा जा सकता है। जिसमें जाने – माने उद्योगपति साइरस मिस्त्री और उनके दोस्त जहांगीर दिनशॉ पंडोले की मौत हो गई। दोनों सुरक्षा मानकों में अव्वल दर्जा रखने वाली लग्जरी कार मर्सिडीज में पीछे की सीट पर बैठकर सवारी कर रहे थे। हादसे के दौरान कार को चला रहीं डॉ अनाहिता पंडोले और उनके बगल की सीट पर बैठे उनके पति डेरियस पंडोले की जान बच गई, दोनों का इलाज मुंबई के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। दरअसल, अनाहिता और डेरियस ने सीट बेल्ट लगा रखा था, जबकि पीछे बैठे मिस्त्री और दिनशॉ पंडोले ने सीट बेल्ट नहीं लगाया था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ये दोनों भी सीट बेल्ट लगाए होते तो इनकी जान बच सकती थी। ये दिखाता है कि पिछली सीट पर बैठने के बावजूद सीट बेल्ट न लगाना कितना खतरनाक हो सकता है। जबकि अमूमन माना जाता है कि हादसों में फ्रंट सीट पर बैठे यात्रियों को अधिक नुकसान पहुंचता है। 

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