Cash For Query Case: महुआ मोइत्रा का हो संसद से निष्कासन, समिति में बहुमत से प्रस्ताव पारित, कल स्पीकर को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

Cash For Query Case: एथिक्स कमेटी की आज बैठक में महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने का प्रस्ताव पारित हुआ। कुल 10 में से प्रस्ताव के समर्थन में 6 और विरोध में 4 सदस्यों ने वोट किया।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-11-09 17:47 IST

Mahua Moitra Controversy (photo: social media )

Cash For Query Case. कैश फॉर क्वेरी (संसद में सवाल के बदले पैसा) मामले में पश्चिम बंगाल की तृणमुल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। उनके खिलाफ इस मामले की जांच कर रही एथिक्स कमेटी की आज बैठक हुई, जिसमें उन्हें संसद से निष्कासित करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाया गया। इस प्रस्ताव पर कमेटी के मेंबरों के बीच वोटिंग कराई गई थी।

एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद विजय सोनकर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 10 में से 6 सदस्यों ने महुआ के निष्कासन के समर्थन में वोट डाला, जबकि चार विरोध में रहे। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में कमेटी ने महुआ के ऊपर लगे आरोप पर जो रिपोर्ट तैयार की है, उस पर चर्चा की गई। कल यानी शुक्रवार को एक विस्तृत रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को सौंप दी जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जिन चार सदस्यों ने विरोध में मतदान किया उन्होंने रिपोर्ट को पूर्वाग्रह से ग्रस्त और गलत बताया है।

एथिक्स कमेटी में कौन – कौन ?

कैश फॉर क्वेरी मामले की सुनवाई लोकसभा की जो आचार समिति कर रही है, उनमें बीजेपी के अलावा विपक्षी दलों के सांसद भी शामिल हैं। समिति को लीड बीजेपी एमपी विनोद कुमार सोनकर कर रहे हैं। एथिक्स कमेटी में बतौर मेंबर बीजेपी के वीडी शर्मा, सुमेधानंद सरस्वती, अपराजिता सारंगी, डॉ. राजदीप रॉय, सुनिता दुग्गल और सुभाष भामरे हैं। कांग्रेस की ओर से एन उत्तम कुमार रेड्डी, प्रणीत कुमार, वी.वैथीलिंगम, बालासौरी बल्लभनैनी शामिल हैं। बसपा से दानिश अली, शिवसेना से हेमंत गोडसे, सीपीएम के पीआर नटराजन और जदयू के गिरिधारी यादव भी बतौर सदस्य शामिल हैं।

महुआ ने स्पीकर को फिर लिखा खत

एथिक्स कमेटी की गुरूवार को हुई बैठक के बीच टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को खत लिखा है। उन्होंने लेटर में कमेटी पर रिपोर्ट एक निजी न्यूज चैनल को लीक करने का आरोप लगाया है। बतौर महुआ यह लोकसभा के नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि जिस चैनल में यह खबर चल रही है, वो अडानी ग्रुप का है। मेरे ऊपर उसी बिजनेसमैन से सवाल पूछने का आरोप लगा है। बिजनेसमैन कमेटी की गोपनीय दस्तावेजों को एक्सेस कर रहा है।


क्या है पूरा मामला ?

झारखंड से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को 'री-इमरजेंस ऑफ नेस्टी कैश फॉर क्वेरी इन पार्लियामेंट' नाम से एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें आरोप लगाया गया कि पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को सदन में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट और कैश मिला। गोड्डा सांसद ने स्पीकर को लिखे लेटर के साथ एडवोकेट जय अनंत देहाद्रई की चिट्ठी भी लगाई थी।

रियल एस्टेट कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि उनके पास महुआ मोइत्रा का लोकसभा का लॉगिन आईडी और पासवर्ड था। इससे वे खुद ही महुआ की तरफ से सवाल डालते थे। कारोबारी द्वारा आगे कहा गया कि महुआ का मकसद पीएम मोदी को बदनाम करना था। कारोबारी ने 19 अक्टूबर को जो एफिडेविट कमेटी को सौंपा था, उसमें ये बातें दर्ज हैं। महुला ने अगले दिन यानी 20 अक्टूबर को सरकार पर दर्शन के सिर पर बंदूक रखवाकर एफिडेविट साइन करवाने का आरोप लगाया था।

26 अक्टूबर को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे कमेटी के सामने पेश हुए। 27 अक्टूबर को महुआ ने हीरानंदानी को लोकसभा का लॉगिन आईडी और पासवर्ड देने की बात मान ली। उन्होंने अरबपति कारोबारी से एक स्कार्फ, लिपस्टिक और आईशैडो भी गिफ्ट में लेने की बात कबूली।

Tags:    

Similar News