कावेरी जल विवाद: तमिलनाडु बंद के दौरान स्टालिन और कनिमोझी गिरफ्तार

Update:2016-09-16 16:54 IST

चेन्नई: कावेरी विवाद को लेकर तमिलनाडु में बंद के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे द्रमुक नेता एमके स्टालिन और कनिमोझी सहित कई नेताओं को शुक्रवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। गौरतलब है कि कावेरी विवाद के मद्देनजर किसानों और व्यापारियों ने आज एक दिवसीय बंद का आह्वान किया है। इस बंद का विपक्षी दल ने भी समर्थन किया है।

तमिलनाडु में इस बंद को लेकर सभी दलों का पूरा समर्थन मिला है। इस बीच पुलिस ने बताया कि कावेरी विवाद को लेकर गुरुवार को खुद को आग लगाने वाले युवक की बुरी तरह झुलस जाने के कारण मौत हो गई।

30,000 फैक्ट्रियां रही बंद

कोयंबटूर, नीलगिरी और तिरुपुर जिलों में बंद के मद्देनजर कई प्रतिष्ठान बंद रहे। इस कारण जनजीवन खासा प्रभावित रहा। खबरों की मानें, तो शहर के करीब 20,000 लघु एवं मध्यम स्तर की इकाइयां और कपड़ा उद्योग के केंद्र तिरुपुर में कपड़े की 30,000 से अधिक फैक्ट्रियां भी बंद रहीं।

स्टालिन की रेल रोकने की कोशिश नाकाम

स्टालिन ने चेन्नई में राजारत्नम स्टेडियम से एग्मोर रेलवे स्टेशन तक रैली का नेतृत्व किया। पुलिस ने उनकी रेल रोकने की कोशिश को नाकाम किया। इसके बाद वह सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ रेलवे टर्मिनल के सामने बैठ गए। पुलिस ने स्टालिन को प्रदर्शनकारियों के साथ हिरासत में ले लिया।

कनिमोझी भी हिरासत में

सांसद कनिमोझी ने द्रमुक समर्थकों के साथ अन्ना सलाई में सड़क बाधित की। उन्हें पुलिस ने बाद में एक मैरिज हॉल में हिरासत में रखा। उन्होंने कावेरी मामले पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।

सरकारी दफ्तर खुले रहे

बंद से तमिलनाडु में केंद्र और राज्य सरकारों के कार्यालयों में कामकाज प्रभावित नहीं हुआ। सभी दफ्तर खुले रहे। राज्य परिवहन निगम की ओर से संचालित बसों के अलावा ट्रेनें भी सामान्य रूप से चल रही हैं। हालांकि ऑटो, टैक्सी और वाणिज्यिक माल ढोने वाले वाहन सड़कों पर नहीं चले। किसान नेता पीआर पांडियन ने भी विभिन्न संगठनों के किसानों के साथ विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

कन्नड़ भाषी क्षेत्रों में बढ़ी सुरक्षा

बंद को देखते हुए तमिलनाडु में सशस्त्र रिजर्व बलों सहित हजारों पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। चेन्नई में 15,000 पुलिसकर्मी ड्यूटी पर लगाए गए हैं। कर्नाटक से जुड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों, स्कूलों, संस्थाओं और कृष्णगिरि जिले समेत जिन इलाकों में कन्नड़ भाषी लोग रहते हैं, वहां सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है।

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