CBDT ने चेताया, संशोधित ITR में गड़बड़ी करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

Update: 2016-12-14 11:23 GMT

नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आईटी रिटर्न्स में बदलाव के प्रावधान का गलत इस्तेमाल करने की कोशिश को लेकर करदाताओं को चेताया है। बोर्ड ने बुधवार को कहा कि इनकम रिविजन वाले फॉर्म्स में बड़े बदलाव हुए तो इनकी जांच कर कठोर कार्रवाई की जा सकती है।

क्या कहना है बोर्ड का?

बोर्ड का कहना है कि 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद कुछ करदाता शुरुआती आकलन वर्ष में की घोषणा में बदलाव के लिए इस प्रावधान का दुरुपयोग कर सकते हैं। उनका मकसद मौजूदा वर्ष की अघोषित आय को पिछली फाइलिंग में दिखाना होगा। सीबीडीटी ने एक बयान में कहा, कि 'रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने का प्रावधान ऑरिजिनल इनकम रिटर्न में हुई गलतियों या गलतबयानी को सुधारने के लिए किया गया है न कि पूर्व में घोषित आय में बदलाव करने के लिए।'

आइटीआर में हेराफेरी पर होगी जांच

आयकर विभाग के लिए नीति निर्धारण करनेवाली संस्था सीबीडीटी ने कहा कि 'अगर आईटी डिपार्टमेंट पिछले साल के आइटीआर में हेराफेरी पकड़ता है तो वह उसकी जांच करेगा।' बयान में कहा गया है कि 'अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आय की रकम, नकदी, मुनाफे आदि में गड़बड़ी और खातों की हेराफेरी पकड़ ली तो साल की सही कमाई का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी। नतीजतन जुर्माना और कानूनी प्रावधान के मुताबिक उचित मुकदमा भी किया जाएगा।'

क्या है नियम?

-आयकर अधिनियम की धारा 139 (5) के तहत संशोधित आईटीआर तभी फाइल किया जा सकता है जब किसी व्यक्ति को लगता है कि पहले उसने कुछ गलती कर दी थी।

-यह छूट उनके लिए है, जिन्‍होंने सेक्‍शन 139 (1) के तहत रिटर्न फाइल किया है या सेक्‍शन 142 (1) के तहत नोटिस के जवाब में रिटर्न में बदलाव किया है।

-सरकार को शक है कि नोटबंदी के बाद से कुछ लोगों ने आईटीआर में मिली इस छूट का गलत इस्तेमाल किया है।

-इसमें पिछले असेसमेंट ईयर के रिटर्न में बदलाव, इनकम, कैश और अन्‍य प्रॉफिट के आंकड़ों में फेरबदल करने की आशंका है।

-सीबीडीटी को अंदेशा है कि‍ लोग इस छूट का इस्‍तेमाल अपनी ब्‍लैकमनी को व्‍हाइट करने में कर सकते हैं। इसीलिए यह चेतावनी जारी की गई है।

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