मिशन चंद्रयान-3: इसरो ने बनाया नया प्लान, सरकार से रखी ये डिमांड

चंद्रयान-2 के बाद अब चंद्रयान-3 को इसरो नवंबर 2020 में लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इस अभियान की मदद से इसरो चंद्रयान-2 के दौरान पूर्वनिर्धारित अपनी खोज प्रक्रिया को जारी रखने की कोशिश करेगा। इसलिए अभी से इसरो चंद्रयान-3 मिशन की तैयारी कर रहा है।  

Update: 2019-12-08 14:05 GMT

नई दिल्ली: चंद्रयान-2 के बाद अब चंद्रयान-3 को इसरो नवंबर 2020 में लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इस अभियान की मदद से इसरो चंद्रयान-2 के दौरान पूर्वनिर्धारित अपनी खोज प्रक्रिया को जारी रखने की कोशिश करेगा। इसलिए अभी से इसरो चंद्रयान-3 मिशन की तैयारी कर रहा है। इसके लिए इसरो ने केंद्र के सामने 75 करोड़ रुपये का बजट भी रखा है। यह इसरो को पहले से मिले तय बजट के अलावा सिर्फ इस मिशन के लिए मांगा गया है। यह राशि इसरो के वर्तमान बजट से अलग है जिससे इसरो अपने तीसरे महत्वकांक्षी मून मिशन को अंजाम देगा।

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वित्त मंत्रालय से इसे लेकर पुष्टि की गई है कि इसरो की ओर से चंद्रयान-3 के लिए बजट मांगा गया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष के सप्लिमेंटरी बजट के प्रावधानों के तहत यह बजट मांगा गया है। इसमें से 60 करोड़ रुपये मशीनरी, उपकरण और दूसरे खर्चों के लिए और बाकी 15 करोड़ रेवेन्यू खर्च के अंतर्गत मांगे गए हैं। खबरों के अनुसार इसरो को आश्वासन दिया गया है कि उसे पैसे दिए जाएंगे लेकिन प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।इसरो ने 2019-2020 के दौरान कुल 666 करोड़ रुपये का बजट मांगा है जिसमें से 11% से ज्यादा सिर्फ चंद्रयान-3 के लिए मांगा गया है।

 

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इससे पहले चंद्रयान - चंद्रयान-2

इससे पहले इसरो चंद्रयान और चंद्रयान-2 मिशन पर काम कर चुका है। चंद्रयान में जहां सिर्फ एक ऑर्बिटर चांद तक भेजा गया था, वहीं चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर के साथ लैंडर और रोवर भी भेजे गए थे। इसरो का मिशन लैंडर को चांद की सतह पर लैंड कराना था लेकिन क्रैश लैंडिंग के कारण उस मिशन का यह हिस्सा सफल नहीं हो सका था। हालांकि, ऑर्बिटर चांद की कक्षा में चक्कर काट रहा है और अपना काम सही से कर रहा है।

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