Chandrayaan-3: चांद के करीब पहुंचा अपना चंद्रयान 3, 18 दिन तक करेगा परिक्रमा

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर ली है। अब चांद पर उतरना ही बाकी रहा है।

Update:2023-08-05 13:33 IST
Chandrayaan-3 (Photo: Social Media)

Chandryaan-3: चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर ली है। अब चांद पर उतरना ही बाकी रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ताज़ा अपडेट में बताया है कि क्रिटिकल लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन (एलओआई) आज शाम लगभग 7 बजे के लिए निर्धारित है। इसके बाद चंद्रयान 3 चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाते हुए सटीक स्थल पर पहुंच जाएगा। जिसके बाद लैंडिंग की जाएगी

इसरो ने 1 अगस्त को बताया था कि क्रिटिकल पेरिगी बर्न को सफलतापूर्वक सम्पन्न कर दिया गया है जिससे चंद्रयान 288 किमी x 369,328 किमी की कक्षा में प्रभावी ढंग से स्थापित किया गया। इस समायोजन के साथ, अंतरिक्ष यान चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव में प्रवेश कर गया था।
चंद्रयान-3 अपने गंतव्य के करीब है, प्रोपल्शन मॉड्यूल धीरे-धीरे इसकी ऊंचाई कम कर देगा। अगले दस दिनों में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के भीतर एक सटीक लैंडिंग साइट निर्धारित की जाएगी। इसके बाद, लैंडर अपनी कक्षा से नीचे उतरेगा और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास शुरू करेगा।

इसी महीने होनी है लैंडिंग

चंद्रयान-3, 14 जुलाई, 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। इस अंतरिक्ष यान की चंद्रमा पर अनुमानित सॉफ्ट लैंडिंग 23-24 अगस्त के बीच होने की उम्मीद है। सफल लैंडिंग के बाद मून रोवर, लैंडर मॉड्यूल से अलग हो जाएगा और गहन वैज्ञानिक जांच करने के लिए अपने उन्नत एपीएक्सएस (अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर) पेलोड का इस्तेमाल करेगा।

अभी तक का सफर

- 14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद से चंद्रयान-3 की कक्षा को धीरे-धीरे पांच मौकों पर आगे बढ़ाया गया।

- चंद्रयान-3 के अंतरिक्ष यान विन्यास में एक लैंडर और रोवर शामिल हैं, दोनों इसरो द्वारा विकसित किए गए हैं। इस जोड़ी को चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग करने, महत्वपूर्ण डेटा इकट्ठा करने और वैज्ञानिक प्रयोगों की एक श्रृंखला आयोजित करने के लिए इंजीनियर किया गया है।

- 26 किलोग्राम वजनी रोवर कैमरे, स्पेक्ट्रोमीटर और एक ड्रिल सहित एडवांस्ड वैज्ञानिक उपकरणों से लैस है। इन उपकरणों के चलते चंद्र इलाके के विस्तृत अध्ययन को सक्षम बनाया जा सकेगा।

- यह मिशन इसरो के भविष्य के अंतरग्रहीय प्रयासों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो महत्वपूर्ण क्षमताओं का प्रदर्शन करता है और पड़ोसी खगोलीय पिंडों की आगे की खोज का मार्ग प्रशस्त करता है।

- अंतरिक्ष यान के 23 अगस्त, 2023 को शाम 5.47 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के पास छूने की उम्मीद है।

- चंद्रयान-3 का लक्ष्य तीन प्राथमिक उद्देश्यों को प्राप्त करना है: चंद्रमा पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग, सतह की खोज के लिए रोवर की तैनाती, और इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना। चंद्रयान-3 मिशन के लिए स्वीकृत बजट लॉन्च वाहन की लागत को छोड़कर, 250 करोड़ रुपये है।

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