Chandrayaan-3: चन्द्रमा पर सल्फर की खोज क्यों है महत्वपूर्ण

Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया है कि चंद्रयान-3 रोवर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के आसपास सल्फर यानी गंधक और कई अन्य तत्वों की पहचान की है।

Update: 2023-08-30 11:44 GMT
चन्द्रमा पर सल्फर की खोज क्यों है महत्वपूर्ण: Photo- Social Media

Chandrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया है कि चंद्रयान-3 रोवर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के आसपास सल्फर यानी गंधक और कई अन्य तत्वों की पहचान की है। सल्फर (sulfur) की उपस्थिति आमतौर पर ज्वालामुखीय प्रक्रियाओं से जुड़ी मानी जाती है सो यह चन्द्रमा के निर्माण और विकास के इतिहास में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती है।

सल्फर का महत्व

- सल्फर ब्रह्मांड में सर्वव्यापी है और हमारे ज्ञात सभी जीवन रूपों के लिए आवश्यक है। यह कीमोऑटोट्रॉफ़िक जीवन शैली और फ़ोटोसिंथेसिस को सपोर्ट करता है।

- सल्फर ऐसी जगहों में हो सकता है जिनकी हम कल्पना नहीं कर सकते हैं, और इसलिए किसी तारे के आसपास का जीवन क्षेत्र अब अनुमान से कहीं अधिक व्यापक हो सकता है।

- चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सल्फर की पहचान चंद्र सतह पर इस तत्व की दुर्लभता के कारण विशेष महत्व रखती है।

- यह खोज इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि यह संभावित रूप से पानी में बर्फ के अस्तित्व का संकेत देती है। ऐसा माना जाता है कि पानी की बर्फ दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पाए जाने वाले अंधेरे गड्ढों के भीतर ही सीमित है।

- सल्फर की उपस्थिति आमतौर पर ज्वालामुखीय प्रक्रियाओं से जुड़ी होती है। यह उन क्षेत्रों में पानी के बर्फ जैसे अस्थिर कंपाउंड के बने होने की संभावना बताती है, क्योंकि सल्फर और पानी अक्सर भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं में एक दूसरे से जुड़े होते हैं।

- चन्द्रमा पर सल्फर की पुष्टि और जल बर्फ की संभावित उपस्थिति के बीच यह संबंध चंद्र संरचना और उसके इतिहास के बारे में कई जानकारियां दे सकता है। माना जाता है चन्द्रमा पर मौजूद बर्फ भंडार पर सल्फर का आवरण उसकी रक्षा करता है कि किसी प्रकार का प्रदूषण न होने पाए। ऐसे में चन्द्र बर्फ का विश्लेषण बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कर सकता है।

- जुलाई 1976 में नासा का वाइकिंग लैंडर मंगल ग्रह पर उतरा था। जिसने वहां जीवन और जीवन समर्थक तत्वों की खोज की जो नहीं मिले लेकिन मंगल की सतह पर सल्फर जरूर मिला। मंगल की मिट्टी में 10 से 15 फीसदी सल्फर मिला जो काफी ज्यादा है। इससे ये संकेत मिलता है कि मंगल पर जीवन किसी न किसी स्वरूप में रहा होगा।

- नासा के अपोलो मिशनों से चन्द्रमा के जो सैंपल वापस धरती पर लाये गए उनके विश्लेषण से भी सल्फर का पता चला था।

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