मोदी की सौगात: 'आत्मनिर्भर भारत' की ओर बड़ा कदम, करेंगे इस योजना का उद्घाटन
भारत की सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने चेन्नई से लेकर पोर्ट ब्लेयर के बीच समुद्र के भीतर 2300 किलोमीटर केबल बिछाने का काम पूरा कर लिया है।
चेन्नई: एक ओर देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। दूसरी ओर भारत इस महामारी को दरकिनार करते हुए अपनी सफलता के नए आयाम लिखता जा रहा है। और अपने नाम को और ऊंचा करता जा रहा है। इस बीच देश को अब एक नई उपलब्धि प्राप्त होने जा रही है। पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के कदम पर चलते हुए अब देश समुद्र के भीतर आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के मामले में आत्मनिर्भर हो गया। भारत की सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने चेन्नई से लेकर पोर्ट ब्लेयर के बीच समुद्र के भीतर 2300 किलोमीटर केबल बिछाने का काम पूरा कर लिया है। जिसका उद्घाटन आज सोमवार को पीएम मोदी खुद करेंगे।
पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के ज़रिए करेंगे उद्घाटन
भारत को एक नई उपलब्धि देने वाली चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर को जोड़ने वाली पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल का उद्घाटन पीएम मोदी आज सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के ज़रिए करेंगे। ये देश के लिए एक बड़ा छड़ होगा। और खासकर अंडमान निकोबार के लोगों के लिए किसी बड़ी उपलब्धि से कम कतई नहीं होगा। क्योंकि इस ऑप्टिकल से अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में मोबाइल और लैंडलाइन दूरसंचार सेवाएं बेहतर और भरोसेमंद होंगी।
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इस पूरे कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक बयान ज़ारी करके दी गई। पीएमओ की ओर से ज़ारी बयान के मुताबिक, '' पीएम मोदी अंडमान निकोबार द्वीप समूह को जोड़ने वाला 'सबमैरीन केबल कनेक्टिविटी' का 10 अगस्त को उद्घाटान करेंगे। इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री ने पोर्ट ब्लेयर में दिसंबर 2018 में रखी थी''।
दूरसंचार सुविधा और कनेक्टिविटी होगी बेहतर
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सबमैरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल लिंक चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच 2 x 200 गीगाबिट का बैंडविद्थ (जीबीपीएस) देगा। पोर्ट ब्लेयर और अन्य द्वीपों के बीच 2x100 जीबीपीएस देगा। इससे इन द्वीपों पर भरोसेमंद, मजबूत और हाई स्पीड के दूरसंचार और ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध होगी, जो ग्राहकों के साथ-साथ रणनीतिक और कामकाज के दष्टिकोण से उल्लेखनीय उपलब्धि होगी।
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इससे बेहतर दूरसंचार और ब्रॉडबैंड संपर्क सुविधा से अंडमान निकोबार द्वीप क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार सृजन को गति मिलेगी। नतीजतन, इससे अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी और लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा। बेहतर कनेक्टिविटी से टेलीमेडिसिन और टेली-एजुकेशन को बढ़ावा मिलेगा।' परियोजना का वित्त पोषण सरकार ने संचार मंत्रालय के तहत सार्वभौमिक सेवा बाध्यता कोष के जरिए किया है।