Chhattisgarh Cabinet Oath: छत्तीसगढ़ में कैबिनेट का गठन, नौ विधायकों ने मंत्रिपद की ली शपथ, जल्द होगा विभागों का बंटवारा

Chhattisgarh Cabinet Oath: पांच विधायकों को पहली बार मंत्री बनने का मौका मिला है। छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में अब सदस्यों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-12-22 06:46 GMT

Chhattisgarh Cabinet Oath: छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का आज विस्तार किया गया। साय मंत्रिमंडल में नौ नए मंत्री शामिल किए गए हैं। राजभवन में आज आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। पांच विधायकों को पहली बार मंत्री बनने का मौका मिला है। छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में अब सदस्यों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव सहाय और राज्य के दो डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा ने 13 दिसंबर को शपथ ली थी।

मंत्रिमंडल के विस्तार में जातीय समीकरण साधने का भी पूरा प्रयास किया गया है। छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में अब 6 ओबीसी, तीन आदिवासी, दो सामान्य और एससी वर्ग से जुड़े एक चेहरे को मंत्री बनाकर जातीय संतुलन साधने का प्रयास किया गया है। इससे साफ हो गया है कि विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा की निगाहें अब 2024 के लोकसभा चुनाव पर हैं।

ये विधायक लेंगे शपथ

लखनलाल देवांगन

दयालदास बघेल

बृजमोहन अग्रवाल

राम विचार नेताम

केदार कश्यप

श्याम बिहारी जायसवाल

ओपी चौधरी

टंकराम वर्मा

लक्ष्मी राजवाड़े 

जल्द होगा विभागों का बंटवारा

छत्तीसगढ़ में आज राज्यपाल ने जिन नौ विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई, उनमें बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, दयालदास बघेल, केदार कश्यप, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओपी चौधरी, टंक राम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े के नाम शामिल हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि नए मंत्रियों को विभागों का बंटवारा जल्द कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का एक अन्य पद बाद में भरा जाएगा। 90 सदस्यीय विधानसभा वाले छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 13 मंत्री हो सकते हैं। आज हुए मंत्रिमंडल में विस्तार के बाद राज्य में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। इस तरह अभी भी एक मंत्री का पद रिक्त बना हुआ है।

जातीय समीकरण साधने का प्रयास

मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब 6 मंत्री अरुण साव, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओपी चौधरी, टंक राम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से जुड़े हुए हैं। वहीं तीन सदस्य मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय,रामविचार नेताम और केदार कश्यप का ताल्लुक अनुसूचित जनजाति (एसटी) से है। राज्य मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति (एससी) से एक सदस्य दयालदास बघेल और सामान्य वर्ग से दो सदस्यों विजय शर्मा और बृजमोहन अग्रवाल को जगह दी गई है। महिला सदस्य के रूप में लक्ष्मी राजवाड़े को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

पांच विधायक पहली बार मंत्री बने

आज जिन मंत्रियों ने शपथ ली है,उनमें बृजमोहन अग्रवाल राम विचार नेताम,केदार कश्यप और दयाल दास बघेल पूर्व में भाजपा सरकार में भी मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। पांच विधायकों को पहली बार मंत्री बनाया गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर नेता बने चौधरी, वर्मा और राजवाड़े पहली बार के विधायक हैं तथा जायसवाल एव देवांगन दूसरी बार के विधायक हैं।

मुख्यमंत्री साय केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं तथा उपमुख्यमंत्री साव और शर्मा पहली बार के विधायक हैं। साव बिलासपुर से लोकसभा सदस्य रह चुके हैं।

मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम ने ली थी 13 को शपथ

छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद विष्णुदेव साय ने 13 दिसंबर को नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने साय को सीएम पद की शपथ दिलाने के साथ ही अरुण साव और विजय शर्मा को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई थी। रायपुर के साइंस कॉलेज में आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह को भाजपा ने बिग शो बनाने की कोशिश की थी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह,भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के कई बड़े नेता और कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे।

मुख्यमंत्री के शपथग्रहण समारोह के बाद से ही नए मंत्रियों को लेकर अटकलों का बाजार गरम हो गया था। 19 से 21 दिसंबर तक छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आयोजित किया गया था जिसमें नए विधायकों को शपथ दिलाई गई थी। मुख्यमंत्री के शपथ लेने के नौ दिन बाद आज नए मंत्रियों को शपथ दिलाकर मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है।

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