Chhattisgarh HC: प्यार में विफलता के बाद जान देने वाले शख्स की गर्लफ्रेंड पर क्या होगा एक्शन? हाईकोर्ट ने दिया बड़ा आदेश

Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने बड़े आदेश में कहा है कि यदि कोई शख्स प्रेम में असफलता के कारण खुदकुशी कर लेता है, तो उसकी प्रेमिका पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-12-13 07:35 GMT

Chhattisgarh High Court  (photo: social media )

Chhattisgarh High Court: प्यार में विफल होने के बाद जान देने की घटनाएं प्राय: सुनी जाती रही हैं। इस मामले में जान देने वाले शख्स की गर्लफ्रेंड के खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है या नहीं,इसे लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने बड़े आदेश में कहा है कि यदि कोई शख्स प्रेम में असफलता के कारण खुदकुशी कर लेता है, तो उसकी प्रेमिका पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इस आदेश को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

गर्लफ्रेंड आत्महत्या के लिए उकसाने की दोषी नहीं

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की सिंगल बेंच ने कहा कि कई बार छात्र परीक्षा में खराब प्रदर्शन के कारण आत्महत्या कर लेते हैं या मुकदमा खारिज होने के कारण कई लोग जान दे देते हैं। ऐसे मामलों में संबंधित शिक्षक या वकील को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

जस्टिस साहू ने हाल में दिए गए अपने एक आदेश में कहा कि जिस तरह शिक्षक या वकील को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी नहीं माना जा सकता, वही बात प्रेम में विफलता के कारण आत्महत्या के मामलों में भी लागू होती है। उन्होंने कहा कि यदि कोई शख्स प्रेम में विफल होने के कारण आत्महत्या कर लेता है तो उसकी गर्लफ्रेंड को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी नहीं माना जा सकता।

गलत निर्णय के लिए दूसरे की जिम्मेदारी नहीं

हाईकोर्ट ने कहा कि कमजोर या दुर्बल मानसिकता के कारण यदि कोई व्यक्ति गलत निर्णय लेता है तो किसी अन्य व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी नहीं ठहराया जा सकता। जस्टिस साहू ने इस टिप्पणी के साथ ही 24 वर्षीय लड़की और उसके दो भाइयों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप को रद्द कर दिया। इन तीनों के खिलाफ लड़की के पूर्व प्रेमी की आत्महत्या के मामले में केस दर्ज किया गया था।

सुसाइड नोट में लगाया था आरोप

अभियोजन पक्ष के मुताबिक प्यार में विफल होने के बाद एक शख्स ने इस साल 23 जनवरी को आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या करने से पहले इस शख्स ने सुसाइड नोट लिखते हुए अपनी गर्लफ्रेंड और उसके भाइयों को दोषी ठहराया था।

इस सुसाइड नोट में युवक ने लिखा था कि उसका अपनी गर्लफ्रेंड के साथ पिछले 8 वर्षों से प्रेम संबंध था। इसके बावजूद लड़की ने रिश्ता तोड़ते हुए दूसरे आदमी से शादी कर ली। जान देने वाले शख्स ने गर्लफ्रेंड के भाइयों पर संबंध तोड़ने के लिए धमकी देने का बड़ा आरोप भी लगाया था।

आरोप तय होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका

इस मामले में जान देने वाले शख्स के चाचा ने राजनांदगांव पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में जिला न्यायालय ने 13 अक्टूबर, 2023 को आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत आरोप तय किए। जिला न्यायालय की ओर से आरोप तय किए जाने के बाद तीनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और हाईकोर्ट ने इस मामले में उन्हें राहत प्रदान की है।

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