Chhawla Rape Case: AAP सरकार दायर करेगी पुनर्विचार याचिका, LG ने दी मंजूरी

Chhawla Rape Case: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने तीनों आरोपियों को बरी किये जाने के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने को मंजूरी दे दी है।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2022-11-21 08:07 GMT

Supreme Court  (Pic: Social Media) 

Chhawla Rape Case: दिल्ली के छावला इलाके में 19 साल की युवती से गैंगरेप और बेरहमी से हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों तीन आरोपियों को बरी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आम आदमी पार्टी ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का फैसला किया था। वहीं अब इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने तीनों आरोपियों को बरी किये जाने के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने को मंजूरी दे दी है। साथ ही मामले में पक्ष रखने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी की नियुक्ति को भी मंजूरी दी।

आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली के छावला क्षेत्र में 2012 में एक 19 वर्षीय युवती के साथ तीन लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था। गैंगरेप के बाद युवती की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। दुष्कर्म के इसी मामले में तीनों आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट इसी महीने 7 नवंबर को बरी कर दिया था। आरोपियों को बरी किए जाने से जहां पीड़िता के मां-बाप टूट चुके हैं, वहीं देशभर में गुस्सा और नाराजगी है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मां ने कहा था न्याय की उम्मीद खत्म

छावला केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पीड़िता की मां कोर्ट परिसर के बाहर फूट-फूटकर रोयी थी। उन्होंने कहा था 11 साल से ये लड़ाई लड़ी जा रही थी। उम्मीद थी मेरी बेटी को इंसाफ मिलेगा। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने तोड़कर रख दिया। अभी तक उम्मीद के साथ में जी रही थी। अब मेरे जीने की इच्छा भी खत्म हो गयी है। मां ने कहा था कि मुझे लगता था कि मेरी बिटिया को इंसाफ मिलेगा, जो नहीं मिला।

आरोपियों को 2014 में निचली अदालत से मिली थी सजा ए मौत

साल 2014 में सुनवाई के दौरान निचली अदालत ने मामले को 'दुर्लभतम' बताते हुए तीनों आरोपियों को सजा-ए-मौत सुनाई थी। बाद में, ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा था। छावला रेप कांड फरवरी 2012 में हुआ था। युवती का रेप और बेरहमी से हत्या कर शव को फेंक दिया गया था। अपहरण के तीन दिन बाद 19 वर्षीय युवती का क्षत-विक्षत शव पुलिस को मिला था।

निर्भया केस से 9 महीने पहले हुई थी ये वारदात

आपको बता दें कि, छावला रेप कांड दिल्ली के चर्चित निर्भया दुष्कर्म मामले (16 दिसंबर, 2012) से करीब 10 महीने पहले का था। तब इस रेप कांड ने दिल्ली वालों को झकझोर दिया था। दरअसल, कार सवार तीन युवकों ने छावला निवासी 19 वर्षीय युवती को अगवा कर लिया था। जो उत्तराखंड की रहने वाली थी। वह दिल्ली के छावला क्षेत्र में रहती थी। चलती कार में उसके साथ गैंगरेप हुआ। दरिंदों ने दरिंदगी की इंतहा पार कर दी। इस मामले में दिल्ली के छावला इलाके से हरियाणा के रेवाड़ी तक यानी करीब 70 किलोमीटर की दूरी एक युवती के साथ दरिंदगी होती रही। 

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