चीन ने समुद्र में उतारा अत्याधुनिक रडार, पूरे भारत पर रख सकता है नजर
चीन लगातार रणनीतिक दृष्टि से खुद को मजबूत करने में लगा हुआ है। इसी सूची में अब चीन ने एक ऐसा पावरफुल और कॉम्पेक्ट राडार बनाया है जो भारत की सीमाओं के चप्पे चप्पे पर बेहद बारिकी से नजर रख सकता है।
पेइचिंग: चीन लगातार रणनीतिक दृष्टि से खुद को मजबूत करने में लगा हुआ है। इसी सूची में अब चीन ने एक ऐसा पावरफुल और कॉम्पेक्ट राडार बनाया है जो भारत की सीमाओं के चप्पे चप्पे पर बेहद बारिकी से नजर रख सकता है। इसके अलावा वह भारत की समुद्री सीमा में मौजूद नौसेना के युद्धपोत और दूसरे जहाजों पर भी सटीक जानकारी ले सकता है। हॉन्गकॉन्ग आधारित साउथ चाइना पोस्ट ने इसकी जानकारी दी है।
ये भी पढ़ें...भारत-चीन मिलकर एशिया में बदलाव लाएंगे: चीनी राजदूत
हॉन्ग कॉन्ग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने चीन के इस ओवर-द-हॉरिजन रेडार प्रोग्राम में शामिल वैज्ञानिकों के हवाले से यह जानकारी दी। पोस्ट के मुताबिक चाइनीज अकैडमी ऑफ साइंसेज के शिक्षाविद लियू योंगतान को चीन के रेडार टेक्नॉलजी को अपग्रेड करने का श्रेय दिया जाता है। चाइनीज अकैडमी ऑफ इंजिनियरिंग का भी इसमें अहम योगदान है।
इस आधुनिक कॉम्पैक्ट साइज के रेडार की सबसे बड़ी खासियत है कि PLA नेवी के विमानवाहक बेड़े में तैनाती के बाद यह किसी एक हिस्से की नहीं बल्कि भारत के आकार के इलाके पर लगातार निगरानी कर सकता है। चीन के लिए यह रेडार कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति ने इस रेडार को विकसित करने के लिए लियू योंगतान और एक अन्य मिलिट्री साइंटिस्ट कियान क्विहू को विज्ञान के क्षेत्र में दिए जाने वाले देश के सबसे बड़े पुरस्कार से सम्मानित किया।
कियान को देश की मॉडर्न डिफेंस इंजिनियरिंग के लिए सैद्धांतिक प्रणाली तैयार करने के लिए सम्मान से नवाजा गया। उन्होंने अंडरग्राउंड न्यूक्लियर शेल्टर फसिलटीज तैयार करने में भी बड़ी भूमिका निभाई।
ये भी पढ़ें...गरीबी से बचने के लिए कंबोडिया की महिलाएं करती हैं चीनी पुरूष से शादी
कितना महत्वपूर्ण है यह सिस्टम?
लियू ने बताया कि शिप-बेस्ड OTH रेडार ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी को पहले की तुलना में ज्यादा बड़े क्षेत्र की निगरानी करने में सक्षम बना दिया है। उन्होंने कहा, ‘पारंपरिक तकनीकों की मदद से हमारे समुद्री क्षेत्र के करीब 20 प्रतिशत भाग की ही निगरानी हो पाती थी। नई प्रणाली पूरे क्षेत्र पर नजर रखेगी।’ लियू की टीम के एक वरिष्ठ मेंबर ने बताया कि समंदर में इस रेडार की बदौलत खासतौर से दक्षिण चीन सागर, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर में चीनी नेवी की जानकारी इकट्ठा करने की क्षमताओं में इजाफा होगा।
सैन्य साजोसामान पर चीन का फोकस
एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने एक विशालकाय ऐंटेना भी बना लिया है। चीन की सेना का बजट बढ़कर अब सालाना 175 अरब डॉलर हो गया है और सेना अपने रक्षा उपकरणों पर फोकस कर रही है। चीन की नजर अमेरिका से मिलती चुनौतियों पर है। उसने दो विमानवाहक पोत बना लिए हैं और तीसरा पाइपलाइन में है।
ये भी पढ़ें...चीन ने खोजा चाँद का अनदेखा हिस्सा, यहाँ उतारा पहला स्पेसक्राफ्ट