बीजिंग : चीन और भारतीय जवानों के बीच सीम पर सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम में जारी गतिरोध के बीच बीजिंग ने हजारों टन के सैन्य वाहन और उपकरण तिब्बत पहुंचाए हैं।
चीनी सेना के अखबार पीएलए डेली की एक रपट के मुताबिक, "जून अंत से सड़क और रेल मार्ग से पूरे क्षेत्र से सैन्य साजो-सामान लगातार पहुंचाए जा रहे हैं।"
चीनी सेना ने तिब्बत में बीते सप्ताह भारत से लगी सीमा पर युद्धाभ्यास किया है।
चीनी मीडिया की रपट के मुताबिक, यह युद्धाभ्यास डोकलाम से ज्यादा दूरी पर नहीं किया गया। यह युद्धाभ्यास भारत, चीन और भूटान के तिराहे से ज्यादा दूरी पर नहीं हुआ है।
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पीएलए की रपट में यह नहीं बताया गया है कि यह सैन्य आपूर्ति तिब्बत में युद्धाभ्यास से जुड़ी है या नहीं।
साउथ चाइना मार्निग पोस्ट ने पीएलए डेली के हवाले से कहा, "पश्चिमी थिएटर कमांड द्वारा सैन्य साजो-सामान उत्तरी तिब्बत के कुनलुन पर्वत के दक्षिण भाग में ले जाया गया। पश्चिमी थिएटर कमांड झिजियांग और तिब्बत के अशांत क्षेत्र व भारत से लगी सीमा मुद्दे को देखता है।"
पोस्ट ने शंघाई के एक सैन्य टिप्पणीकार नी लेशियांग के हवाले से कहा, "कूटनीतिक वार्ता के साथ सैन्य तैयारी करनी चाहिए।"
शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के दक्षिण एशिया अध्ययन पर विशेषज्ञ वांग देहुआ ने कहा कि जवानों और उपकरण सामग्री की आवाजाही से स्पष्ट होता है कि चीन के लिए अब अपनी पश्चिमी सीमा की रक्षा करना कितना आसान है।
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उन्होंने कहा, "सैन्य अभियान सैन्य तंत्र का खेल है। अब तिब्बत क्षेत्र में बेहतरीन सैन्य तंत्र मौजूद है।"
वांग ने कहा, "अब सेना आसानी से जवानों और आपूर्ति को आगे की सीमा तक पहुंचा सकती है, ऐसा पठार से चीन के बाकी के क्षेत्र को जोड़ने वाले क्विंगही-तिब्बत रेलवे व दूसरे नए मार्गो व बुनियादी सुविधाओं में सुधार के कारण हो सका है।"
डोकलाम में गतिरोध पर चीन व भारत के बीच तनाव में कोई कमी नहीं आई है। चीन ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अख्तियार किया है और वह हर रोज भारत को चेतावनी दे रहा है।
चीन, भूटान व भारत की सीमा डोकलाम में मिलती है। यह स्थान तीनों राष्ट्रों के लिए रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण है।