आतंकी मसूद अजहर पर बैन लगाने के 'अड़ंगे' पर जानें क्या बोला चीन

भारत में पुलवामा हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तीन स्थायी सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए 27 फरवरी को प्रस्ताव पेश किया था।

Update: 2019-03-14 12:09 GMT

नई दिल्ली: आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए चौथी बार वीटो पावर का इस्तेमाल किया गया है।

इस मामले में चीन ने सफाई देते हुए कहा कि तकनीकी कारणों से मामले को होल्ड पर डाल दिया है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में हमें थोड़ा और "स्टडी" करने की अवश्यकता है। साथ ही यह भी कहा कि वह भारत के साथ बेहतर संबंध बनाना चाहते हैं।

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भारत में पुलवामा हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तीन स्थायी सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए 27 फरवरी को प्रस्ताव पेश किया था।

इसके बाद समिति ने सदस्य देशों को आपत्ति दर्ज करने के लिए 10 दिनों का समय दिया था। यह मियाद भारतीय समयानुसार बुधवार देर रात साढ़े बारह बजे समाप्त हो रही थी लेकिन चीन ने मियाद खत्म होने से ऐन कुछ घंटे पहले प्रस्ताव पर तकनीकी के आधार पर अड़ंगा लगा दिया जबकि अन्य सभी देश मसूद पर प्रतिबंध के पक्ष में थे।

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