LAC के पास चीन ने चली खतरनाक साजिश, सैनिकों को दे रहा है ये खास ट्रेनिंग
भारत और चीन के बीच रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच कारोबारी और आर्थिक रिश्ते पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़े हैं। हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर आए थे। इस दौरान पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच अनौपचारिक बैठकें हुईं।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच कारोबारी और आर्थिक रिश्ते पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़े हैं। हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर आए थे। इस दौरान पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच अनौपचारिक बैठकें हुईं। पीएम मोदी ने कहा था कि हम मतभदों को विवाद नहीं बनने देंगे।
अब इस बीच चीन की सेना ने लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास सैनिकों की ट्रेनिंग में भारी बढ़ोत्तरी कर दी है। सेना के सूत्रों का कहना है कि डोकलाम विवाद के बाद वहां चीनी सेना ने पहली बार ऐसी ट्रेनिंग शुरू की है। 2018 में सिर्फ ईस्टर्न क्षेत्र में ही ट्रेनिंग के करीब 400 सेशन हुए, तो वहीं इस साल अप्रैल तक ट्रेनिंग के लगभग 470 सेशन हो चुके हैं।
यह भी पढ़ें...राम मंदिर विवाद: SC में दलीलों का आखिरी दिन, जानिए क्यों खफा हुए चीफ जस्टिस
2017 में डोकलाम विवाद के बाद चीनी सेना ने न सिर्फ कड़ी ट्रेनिंग शुरू की, बल्कि इसमें फेल रहने वाले सैनिकों को सजा भी दी। सजा के तौर पर उन्हें वहां से वापस भेज दिया गया।
सेना के सूत्रों का कहना है कि LAC पर ट्रेनिंग के संबंध में चीनी सेना की तरफ से 1 जनवरी 2018 को निर्देश जारी किया गया था। इसके बाद वहां चीन ने अपने सैनिकों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी। चीनी सैनिकों ने वहां पहले कभी फायरिंग की ट्रेनिंग नहीं की थी, लेकिन इसके बाद लगातार फायरिंग से लेकर ग्रेनेड फेंकने तक की ट्रेनिंग दी जा रही है।
यह भी पढ़ें...योगी सरकार का बड़ा फैसला: नहीं जायेगी होमगार्डस की नौकरी
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह ट्रेनिंग उन क्षत्रों में ज्यादा दी गई जहां दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे को आमने-सामने देख सकते हैं। इससे साफ है कि यह चीन के माइंड गेम का हिस्सा है।
यह भी पढ़ें...खुली पोल! इमरान खान को यहाँ से मिल रहा पैसा, रेहम खान ने जारी किया वीडियो
अधिकारी के मुताबिक भारतीय सैनिकों की ट्रेनिंग हमेशा ही मजबूत पक्ष रहा है। डोकलाम विवाद के बाद जब चीन को भारत की ताकत का एहसास हुआ, तो चीन ने यह दिखाने की कोशिश की कि वह भी ट्रेनिंग पर जोर दे रहा है।