Bangladesh: चिन्मय दास को बड़ा झटका, कोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज, राजद्रोह के आरोप में हुए थे गिरफ्तार
Bangladesh: बांग्लादेश में इस्कॉन संत की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है।
Bangladesh: बांग्लादेश की एक अदालत ने इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी। अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि चिन्मय दास के पास किसी वकील का लेटर ऑफ अटॉर्नी नहीं इसीलिए उनकी जमानत याचिका ख़ारिज कर दी गई। बता दे कि राजद्रोह के मामले में चिन्मय दास की गिरफ्तारी 25 नवंबर को हुई थी। अब जमानत याचिका खारिज होने के बाद चिन्मय कृष्ण दास को बड़ा झटका लगा है। अब उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई 2 जनवरी को होगी। तब तक उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा।
बुधवार को चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका मामले में सुनवाई करते हुए चटगांव मेट्रोपोलिटन सेशन जज मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने कहा कि इस्कॉन संत की जमानत याचिका इसीलिए ख़ारिज कर दी गई है क्योंकि उनके पास किसी वकील का लेटर ऑफ़ अटॉर्नी नहीं था। इसके बाद बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और मानवाधिकार कार्यकर्त्ता रवींद्र घोष ने चटगांव चिन्मय दास की जमानत याचिका पेश की।
चिन्मय दास के वकील का बयान
न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए रवींद्र घोष ने कहा कि उन्होंने चटगांव अदालत में चिन्मय दास की जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए आवेदन किया था लेकिन उसी समय 30 वकील अदालत की अनुमति के बिना अंदर घुस आये उन्होंने मुझ पर हमला करने की कोशिश की। बता दें कि बातचीत के दौरान चिन्मय दास के वकील ने आगे कहा कि वो सारे वकील उसे इस्कॉन एजेंट, चिन्मय का एजेंट कहकर चिढ़ाते थे। जिसके बाद उन्होंने आगे कहा कि वे मुझे हत्यारा कहते हैं। मैं एक वकील के तौर पर आया हूं। मैं हत्यारा कैसे हो सकता हूं।
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार
बांग्लादेश में शेख हसीना के जाने के बाद हिन्दुओं पर काफी ज्यादा अत्याचार बढ़ गया है। शेख हसीना के सत्ता से चले जाने के बाद में बांग्लादेश में हिंदूओं को निर्ममता से कुचला जा रहा है। अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ बड़े पैमाने पर लूटपाट और बर्बरता की जा रही है। हिंदुओं के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और घरों को निशाना बनाया जा रहा है।