INDIA alliance: केजरीवाल के बाद ममता भी देंगी कांग्रेस को बड़ा झटका, बंगाल में सिर्फ दो सीटें छोड़ने को तैयार,INDIA गठबंधन की बैठक में कल छिड़ सकता है घमासान

INDIA alliance: तीन हिंदी भाषा राज्यों में भाजपा के हाथों करारा झटका लगने के बाद अब सहयोगी दल भी कांग्रेस को झटका देने को तैयार दिख रहे हैं। टीएमसी मुखिया और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को लोकसभा की सिर्फ दो सीटें देने के लिए तैयार हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-12-18 17:22 IST

 पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को लोकसभा की सिर्फ दो सीटें देने के लिए तैयार: Photo- Social Media

INDIA alliance: तीन हिंदी भाषा राज्यों में भाजपा के हाथों करारा झटका लगने के बाद अब सहयोगी दल भी कांग्रेस को झटका देने को तैयार दिख रहे हैं। टीएमसी मुखिया और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को लोकसभा की सिर्फ दो सीटें देने के लिए तैयार हैं। ममता पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को सिर्फ मालदा और बरहामपुर लोकसभा सीटें देने के लिए तैयार हैं।

ममता से पूर्व दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने भी रविवार को कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था। उन्होंने पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर अपनी पार्टी की दावेदारी पेश की थी। ऐसे में विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की कल होने वाली बैठक में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर घमासान छिड़ने की आशंका है।

ममता सिर्फ दो सीटें छोड़ने के लिए तैयार

इंडिया गठबंधन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए ममता बनर्जी दिल्ली पहुंच चुकी हैं। दिल्ली के लिए रवाना होने से पूर्व ममता बनर्जी ने कहा कि मैं अभी सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं। 19 दिसंबर को होने वाली बैठक के बाद ही इस बाबत जानकारी मिल सकती है। दूसरी ओर टीएमसी से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि पार्टी कांग्रेस के लिए सिर्फ दो लोकसभा सीटें छोड़ सकती है। इनमें से एक सीट मुर्शिदाबाद की बरहामपुर सीट है जहां से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को जीत मिली थी।

इस सीट पर गरीब 66 फ़ीसदी मुस्लिम आबादी है और चौधरी इस सीट से लगातार कई बार चुनाव जीत चुके हैं। इसके अलावा मालदा जिले की मालदा दक्षिण लोकसभा सीट को भी कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। इस सीट से पिछले चुनाव में कांग्रेस नेता अबू हासिम खान ने जीत हासिल की थी। वे 2009 से इस लोकसभा सीट पर लगातार जीत हासिल करते रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पश्चिम बंगाल में सिर्फ इन्हीं दो सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी।

पश्चिम बंगाल में सीट शेयरिंग क्यों है मुश्किल

टीएमसी इन दो सीटों के अलावा अन्य सीटों पर अपनी दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। अन्य सभी सीटों पर टीएमसी अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है। वैसे पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के बीच सीटों को लेकर तालमेल होना काफी मुश्किल माना जा रहा है। दरअसल विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस के अलावा वाम दल भी शामिल हैं और वे ममता के साथ हाथ मिलाने को तैयार नहीं है। दूसरी और ममता को भी वाम दलों का साथ मंजूर नहीं है। वाम दलों को सत्ता से बेदखल करने के बाद ही ममता ने पश्चिम बंगाल की सत्ता हासिल की थी। ऐसे में पश्चिम बंगाल में सीट शेयरिंग का मुद्दा काफी मुश्किल माना जा रहा है।

ममता दे सकती हैं कांग्रेस को विकल्प

कांग्रेस भी विभिन्न राज्यों में अपनी सियासी जमीन मजबूत बनाना चाहती है और इस कारण कांग्रेस के लिए दो सीटों पर तैयार होना आसान नहीं होगा। वैसे टीएमसी सूत्रों का कहना है कि इन दो सीटों के अलावा ममता की ओर से मार्च-अप्रैल में राज्यसभा चुनाव के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी को फिर समर्थन देने का वादा किया जा सकता है। सिंघवी ने 2018 का राज्यसभा चुनाव भी टीएनसी के समर्थन से ही जीता था।

 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल- पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी: Photo- Social Media

केजरीवाल पहले ही दे चुके हैं कांग्रेस को झटका

वैसे पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का चेहरा माने जाने वाले अधीर रंजन चौधरी राज्य में पार्टी की जड़ें मजबूत बनाना चाहते हैं। ऐसे में सीटों को लेकर दोनों दलों के बीच तालमेल होना काफी मुश्किल है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने पहले ही वाम दलों के साथ गठबंधन कर रखा है और ऐसे में ममता के साथ दोनों की पटरी बैठना नामुमकिन माना जा रहा है।

इससे पूर्व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी रविवार को पंजाब की एक जनसभा के दौरान आप को राज्य की सभी 13 सीटों पर जीत दिलाने की अपील की थी। केजरीवाल की इस अपील से साफ है कि आप पंजाब की किसी भी सीट पर दावेदारी छोडने के लिए तैयार नहीं है।

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