Bihar Politics: एनडीए में जाने की अटकलों के बीच एक्शन में नीतीश, लालू के करीबी मंत्री का किया डिमोशन

Bihar Politics: जदयू, बीजेपी और हम ने अपने विधायकों को फिलहाल पटना में ही रहने का निर्देश दिया है, जिनसे इन अटकलों को और बल मिलता है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2024-01-21 11:51 IST

Lalu Prasad Yadav and Nitish kumar  (photo: social media )

Bihar Politics: बिहार में इन दिनों राजनीतिक हलचल तेज है। सियासी गलियारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एकबार फिर अंतरात्मा की आवाज पर पाला बदलने की अटकलें हैं। बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिन बिहार की सियासत को लेकर काफी अहम हैं और राज्य में जबरदस्त सियासी उठापटक देखने को मिल सकती है। जदयू, बीजेपी और हम ने अपने विधायकों को फिलहाल पटना में ही रहने का निर्देश दिया है, जिनसे इन अटकलों को और बल मिलता है।

इन सबके बीच सीएम नीतीश कुमार अचानक एक्शन मोड में आ गए हैं। उन्होंने महागठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राजद के कोटे से सरकार में बने तीन बड़े मंत्रियों के विभाग में फेरबदल कर दिया है। इनमें सबसे चर्चित नाम शिक्षामंत्री चंद्रशेखर का है। चंद्रशेखर लंबे समय से अपने सनातन विरोधी बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं। सीएम नीतीश ने उनसे शिक्षा विभाग छीन लिया है। बिहार सीएम ने ये कदम ऐसे वक्त में उठाया है, जब राजद से उनकी दूरियां बढ़ती जा रही हैं।

राजद के किन मंत्रियों के बदले गए विभाग

महागठबंधन सरकार में राजद कोटे से शामिल तीन मंत्रियों चंद्रशेखर, आलोक मेहता और ललित यादव के विभाग बदल दिए गए हैं। चंद्रशेखर से शिक्षा महकमा लेकर आलोक मेहता को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। मेहता फिलहाल भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग संभाल रहे थे। इस विभाग की जिम्मेदारी अब ललित यादव को दी गई है। ललित यादव अब तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंत्री थे।


विवादित शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का हुआ डिमोशन

इस फेरबदल में सबसे बड़ा झटका अपने विवादित बयानों के लिए कुख्यात शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को लगा है। उन्हें अब गन्ना उद्योग विभाग का मंत्री बनाया गया है। इससे साफ है कि उनका नीतीश सरकार में अब डिमोशन हो गया है। चंद्रशेखर रामचरितमानस के खिलाफ लगातार विवादित टिप्पणी करते रहे हैं। इसके अलावा भी उन्होंने कई सनातन विरोधी टीका – टिप्पणी की है। जिसको लेकर जदयू सख्त आपत्ति दर्ज करा चुका है। सीएम नीतीश ने भी उन्हें ऐसे टिप्पणियों से परहेज करने की नसीहत दी थी।

लेकिन इसके बावजूद उनका इसपर कोई असर नहीं हुआ। चंद्रशेखर का नीतीश कुमार के करीबी आईएएस अधिकारी केके पाठक से भी संबंध काफी खराब रहे। लालू के कहने पर बिहार सीएम ने दोनों के बीच रिश्ते सामान्य करने की कोशिश भी की थी। हालांकि, इसका ज्यादा असर नहीं हुआ और दोनों के संबंध बिगड़े ही रहे।


क्या लालू को मैसेज देना चाह रहे हैं नीतीश ?

मधेपुरा इलाके से आने वाले यादव नेता चंद्रशेखर राजद सुप्रीमो लालू यादव के काफी नजदीकी बताए जाते हैं। नीतीश कुमार के ऐतराज के बावजूद उनकी ओर से सनातन विरोधी बयानबाजी के पीछे लालू का ही समर्थन बताया जाता है। ऐसे में शिक्षा जैसा महत्वपूर्ण महकमा उनसे छीनकर क्या नीतीश अपने सहयोगी लालू को कोई सियासी संदेश देना चाहते हैं, इसकी खूब चर्चा हो रही है।

नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन में जल्द से जल्द सीट शेयरिंग करना चाहते हैं लेकिन लालू यादव साफ कर चुके हैं कि इसको लेकर कोई जल्दबाजी नहीं है। पिछले दिनों मकर संक्रांति के मौके पर जब दोनों नेता मिले थे, तब भी उनके बॉडी लेंग्वेज से साफ नजर आ रहा था कि दोनों सियासी धुरंधरों के बीच अब पुरानी वाली गर्मजोशी नहीं रही। ऐसे में आने वाले समय में बिहार में दिलचस्प सियासी घटनाक्रम देखने को मिल सकता है।



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