Bihar Cabinet: नीतीश कैबिनेट का विस्तार 16 जून को,मांझी के बेटे की जगह इस नेता को मिलेगा मौका,सियासी हलचलें तेज

CM Nitish Kumar Cabinet Expansion: बिहार में जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद 16 जून को नीतीश कैबिनेट का विस्तार होगा।

Update:2023-06-14 13:58 IST
Image: Social Media

Bihar Cabinet Expansion: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल के विस्तार की कवायद शुरू कर दी है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के मुखिया जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन मांझी के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद 16 जून को नीतीश कैबिनेट का विस्तार होगा। संतोष मांझी की जगह जदयू के विधायक रत्नेश सदा को नए मंत्री के रूप में मौका दिए जाने की तैयारी है।

मांझी के बेटे का इस्तीफा मंजूर करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को रत्नेश सदा को अचानक तलब किया था। इसके बाद से ही पटना के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि रत्नेश सदा को नए मंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। वैसे यह भी चर्चा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस के कुछ विधायकों को भी मौका दिया जा सकता है।

मांझी के बेटे की जगह रत्नेश सदा को मिलेगा मौका

जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद से ही पटना में सियासी हलचलें काफी तेज दिख रही हैं। मांझी ने दबाव बनाने की रणनीति के तहत अपने बेटे का इस्तीफा दिलवाया था मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आनन-फानन में संतोष मांझी का इस्तीफा मंजूर करके मांझी को बड़ा झटका दिया है। अपने इस कदम के जरिए नीतीश ने यह भी साफ कर दिया है कि वे अब मांझी को मनाने की कोशिश नहीं करेंगे।

मंगलवार को संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने अपने आवास पर कैबिनेट के साथियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक के दौरान राज्य की सियासी स्थिति पर भी गंभीर मंथन किया गया था। राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी चर्चा के लिए नीतीश के आवास पर मौजूद थे।

नीतीश ने अचानक रत्नेश को किया तलब

नीतीश के आवास पर हुई चर्चा के दौरान रत्नेश सदा का नाम उभरकर सामने आया था। महत्वपूर्ण बात यह है कि रत्नेश सदा भी जीतन राम मांझी के ही समाज से आते हैं। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नीतीश कुमार ने संतोष की जगह रत्नेश सदा को मौका देने का फैसला किया है।

रत्नेश सदा को नीतीश ने मंगलवार को तलब भी किया था। उनके बारे में एक उल्लेखनीय बात यह भी है कि उनकी पहचान एक प्रखर वक्ता के रूप में की जाती रही है।
रत्नेश सदा ने 2020 में सोनवर्षा विधानसभा सुरक्षित सीट के जेडीयू प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था और कांग्रेस प्रत्याशी तरनी ऋषिदेव को 13 हजार 466 वोट से हराकर विधायक बने थे। रत्नेश सदा अभी जेडीयू के सचेतक हैं। उनकी गिनती जदयू के तेजतर्रार नेता के रूप में की जाती है।

दलित समीकरण साधने की कोशिश

जेडीयू कोटे से अभी नीतीश मंत्रिमंडल में दो दलित मंत्री हैं। इनमें एक नीतीश के करीबी अशोक चौधरी हैं जबकि दूसरे सुनील कुमार हैं। जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद अब सोनवर्षा विधायक रत्नेश सदा को मंत्री बनाया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से रत्नेश को संतोष मांझी का विभाग दिया जा सकता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रत्नेश सदा को मंत्री बनाकर दलित समीकरण साधने की कोशिश कर रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार में दलित मतदाताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर भी इस वोट बैंक पर टिकी हुई है और इसी कारण वे रत्नेश सदा को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

अन्य विधायकों को भी मिल सकता है मौका

नीतीश के मंत्रिमंडल का विस्तार काफी दिनों से चर्चाओं में है। जदयू सूत्रों का कहना है कि 16 जून को होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस और राजद के कुछ विधायकों को भी मौका दिया जा सकता है। पटना में 23 जून को होने वाली विपक्ष के नेताओं की बैठक से पहले नीतीश कुमार इस कवायद को पूरा कर लेना चाहते हैं।

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