राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का योगी ने किया स्वागत, लेकिन मुस्लिम पक्ष को आपत्ति

Update: 2017-03-21 13:00 GMT

नई दिल्ली: राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मैं भी चाहता हूं कि इस विवाद का हल बातचीत से निकले। लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य, ऑल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक और बाबरी मस्जिद के लिए केस लड़ रहे वकील जफरयाब जिलानी ने भी कहा कि हम माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस सुझाव का स्वागत करते हैं, लेकिन हमें कोई आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट मंजूर नहीं है।

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अगर सुप्रीम कोर्ट कोई मध्यस्थता कर इसका कोई हल निकलता है, तो हम इसके लिए तैयार है। सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता की सूरत में यह पूरी तरह कानूनी होगा और कोई आउट ऑफ कोर्ट नहीं होगा। इससे पहले भी आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट की कई कोशिशें हो चुकी है, जिसका कोई नतीजा नहीं निकला। ऐसे में प्राइवेट पार्टी के साथ अदालत के बाहर बैठकर कोई हल नहीं निकल सकता।

रामलला के मुख्य पुजारी

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पहल प्रशंसनीय है। इस मुद्दे पर पहले से सुलह की कोशिश की जा रही है, लेकिन कुछ लोग नहीं चाहते की दोनों पक्षों में सुलह हो।

रामलला विराजमान के वकील के मुताबिक

-रामलला विराजमान के वकील मदनमोहन पांडे ने कहा कि हाईकोर्ट के 3 जजो ने माना है मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर रामलला का।

-मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर जमीन छोड़ना संभव नहीं है। दूसरे पक्ष के लिए कोई और विकल्प तलाशा जाए।

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