मौत से पहले मोदी को दी बधाई, फिर चल पड़ी अटल को ये संदेश देने
अलविदा सुषमा... भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का दिल्ली के एम्स मे बीती रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। निधन से करीब तीन घंटे पहले सुषमा स्वराज ने आर्टिकल 370 पर ट्वीट किया था।
नई दिल्ली : अलविदा सुषमा... भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का दिल्ली के एम्स मे बीती रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। निधन से करीब तीन घंटे पहले सुषमा स्वराज ने आर्टिकल 370 पर ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी। शाम 7:23 बजे के ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘प्रधानमंत्री जी-आपका हार्दिक अभिनंदन। मैं जीवनभर इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।
भावुक कर देगी ये कविता
कौन जानता था कि जो इस फैसले को अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि समझ रहा, वहीं कुछ देर बाद दुनिया से विदा हो जाएगा। सुषमा स्वराज के लिए सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग तरीके से शोक व्यक्त कर रहे हैं। कोई आर.आई.पी लिख रहा, तो कोई फोटो शेयर कर दुख जता रहा। ऐसे में किसी ने सुषमा के लिए ये कविता पोस्ट की। जो बयां करती है सुषमा का गौरवमयी परिचय।
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कहां गयी वैदुष्य की वह जाज्वल्य 'सुषमा',,शायद किसी बड़े दायित्व का निर्वाह करने
भैया,,मैं, सुषमा पहचाना?? जिसको बेटी कहते थे
याद आया,,जिस के भाषण पर गर्वित होते रहते थे
वही,,वही,,जिसको संसद में मंत्री का सम्मान दिया
राजनीति के गुरुवर बन कर देशधर्म का ज्ञान दिया
हां,, हां भैया,,वही ,,वही,,जो हर दिन मिथक तोड़ती थी
हां,, जो स्वयं नाम के आगे शब्द 'स्वराज' जोड़ती थी
हां ,,हां बेटी याद आ गया तू संसद की सुषमा थी
मैं अक्सर सोचा करता तू बेटी थी या फिर माँ थी
ऐसा कह कर 'अटल बिहारी' मुस्काये फिर घबराए
इतनी जल्दी भारत छोड़ा? ऐसा कह कर झल्लाये
सुषमा बोल उठी,,भैया ! जो खबर आज सीने में थी
उसके बाद नहीं अब कोई रुचि मेरी जीने में थी
उसी खबर के इंतजार में आप तड़पते रहे सदा
कब ऐसा दिन आएगा,,बस यही सोचते रहे सदा
मुझे लगा ,,मैं सबसे पहले खबर आपको दूँ आकर
अपने अटल बिहारी दादा को खुश खबरी दूँ जाकर
सुनो आज कश्मीर हिन्द का पक्का अंग बन गया है
जिसके लिए आप जूझे थे,वो सत्संग बन गया है
जिसके लिए 'मुखर्जी जी' हंस कर बलिदान हो गए थे
धरती के उस स्वर्ग की खातिर जो कुर्बान हो गए थे
आज आपके दो बेटों ने वो कर्तव्य निभाया है
स्वप्न आपका था जिसको अमली जामा पहनाया है
इतना था उत्साह हृदय में जिसका झुकना मुश्किल था
बिना आपको बात बताए मेरा रुकना मुश्किल था
मुझको,,लगता है सुषमा जी फर्ज निभाने चली गयीं
अपने 'गुरुवर' को जल्दी खुश खबर सुनाने चली गयीं
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