पुडुचेरी में गहरा संकटः कांग्रेस सरकार का गिरना तय, आज फ्लोर टेस्ट में फैसला

फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस व उसके सहयोगी डीएमके के एक-एक विधायकों के इस्तीफे से राज्य की कांग्रेस सरकार को भारी झटका लगा है।

Update:2021-02-22 08:38 IST
पुडुचेरी में गहरे संकट में कांग्रेस सरकार, फ्लोर टेस्ट में आज गिरना लगभग तय (PC: social media)

नई दिल्ली: जिन पांच राज्यों में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें पुडुचेरी भी शामिल हैं मगर चुनाव से पहले ही राज्य की कांग्रेस सरकार का जाना लगभग तय हो गया है। मुख्यमंत्री नारायणसामी को सोमवार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है।

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फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस व उसके सहयोगी डीएमके के एक-एक विधायकों के इस्तीफे से राज्य की कांग्रेस सरकार को भारी झटका लगा है। इसके पहले भी कई कांग्रेसी विधायक का इस्तीफा देकर पार्टी को करारा झटका दे चुके हैं। सत्ता पक्ष के विधायकों की संख्या घटकर 12 रह जाने के कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन लगना तय माना जा रहा है।

puducherry congress govt (PC: social media)

दो और विधायकों ने दिया इस्तीफा

हाल के दिनों में मुख्यमंत्री नारायणसामी और पार्टी नेतृत्व से कांग्रेसी विधायकों की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। विधायकों के इस्तीफे की कड़ी में रविवार को कांग्रेस विधायक लक्ष्मी नारायण ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस सरकार का समर्थन करने वाली पार्टी डीएमके के विधायक के वेंकेटेशन ने भी विधानसभा अध्यक्ष शिवकोझुंडू को अपना इस्तीफा सौंप दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि दोनों विधायकों के इस्तीफे मेरे पास पहुंच चुके हैं और मैंने इस बाबत मुख्यमंत्री वी नारायणसामी और विधानसभा सचिव को भी जानकारी दे दी है।

सीएम के घर संकट पर चर्चा

फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले रविवार की शाम मुख्यमंत्री के आवास पर कांग्रेस विधायकों की बैठक भी हुई। इस बैठक में फ्लोर टेस्ट के बाबत रणनीति पर चर्चा की गई। हालांकि बहुमत की संख्या न होने के कारण पार्टी नेतृत्व में साफ तौर पर चिंता की लकीरें दिखीं।

विधायकों के इस्तीफे को विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि चुनाव से पहले और विधायकों के पार्टी छोड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर नौ पर पहुंची

रविवार को कांग्रेस विधायक लक्ष्मी नारायण के इस्तीफे के बाद पुडुचेरी विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 15 से घटकर नौ पर पहुंच गई है। हाल के दिनों में विधायक ए.जॉन कुमार, ए. नमस्सिवम, मल्लादी कृष्णा राव और ई थेपयन्थम पार्टी से इस्तीफा दिया है।

इन विधायकों के अलावा एक और कांग्रेस विधायक एन धनवेलु को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण पहले ही अयोग्य घोषित किया जा चुका है।

राहुल भी नहीं बचा सके सियासी नुकसान

कांग्रेस के दो विधायकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है जबकि कुछ और विधायकों के जल्द ही भाजपा में जाने की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस के साथी डीएम के विधायकों की संख्या भी घटकर 3 से 2 हो गई है।

रविवार को कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले विधायक लक्ष्मी नारायण का कहना है कि पार्टी में महत्व न मिलने के कारण ही उन्होंने इस्तीफा दिया है। उन्होंने जल्द ही पार्टी से भी इस्तीफा देने का एलान किया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल में पुडुचेरी का दौरा किया था मगर अपने दो दिवसीय दौरे के बावजूद वे कांग्रेस को सियासी नुकसान से बचाने में कामयाब नहीं हो सके।

भाजपा नेता ने किया बड़ा दावा

कांग्रेस में चल रही उठापटक के बीच भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने का दावा किया कि कांग्रेस के तीन और विधायक भी जल्दी ही इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि अब यह पूरी तरह तय हो गया है कि नारायणसामी की सरकार विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नजर नहीं आ रहा है।

15 सीटों पर जीती थी कांग्रेस

पुडुचेरी में 2016 में विधानसभा चुनाव हुए थे और उस चुनाव में कांग्रेस 15 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। राज्य की नारायणसामी सरकार को डीएमके के तीन और एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन हासिल था।

पूर्व मुख्यमंत्री एन रंगासामी की ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के पास विधानसभा में 7 सीटें हैं जबकि एआईडीएमके को 4 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। विधानसभा में भाजपा के तीन विधायक हैं।

puducherry congress govt (PC: social media)

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राष्ट्रपति शासन में हो सकते हैं चुनाव

राज्य में अप्रैल-मई के दौरान विधानसभा चुनाव होने हैं। हालांकि अभी तक चुनाव आयोग की ओर से चुनाव की तिथियों का एलान नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस बाबत घोषणा की जा सकती है। नारायणसामी की सरकार के अल्पमत में आ जाने के कारण माना जा रहा है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन में ही विधानसभा चुनाव होंगे।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

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