Congress Leader Dheeraj Prasad Sahu: राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री के मेजबान, खानदानी कांग्रेसी, घर का नाम 'व्हाइट हाउस'... जानें अलमारी में गड्डियां सजाने वाले साहू फैमिली की पूरी कहानी
Congress Leader Dheeraj Prasad Sahu: आयकर विभाग के अधिकारियों ने ओडिशा और झारखंड में कई जगहों पर चार दिनों तक छापेमारी कर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों से बेहिसाब नकदी बरामद की है। धीरज साहू के परिवार को लेकर अब नई-नई रोचक जानकारियां भी सामने आ रही हैं।
Congress Leader Dheeraj Prasad Sahu: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू पिछले चार दिनों से काफी सुर्खियों में बने हुए हैं। दरअसल आयकर विभाग ने ओडिशा और झारखंड में कई जगहों पर साहू से जुड़े ठिकानों-संस्थानों पर छापेमारी कर 300 करोड़ से अधिक कैश बरामद किया है और नकदी की काउंटिंग अभी भी जारी है। इसके अलावा बड़ी मात्रा में ज्वेलरी भी बरामद हुई है।
कौन हैं धीरज साहू?
धीरज प्रसाद साहू एक रसूखदार परिवार से आते हैं। 23 नवंबर 1955 को रांची में जन्मे धीरज साहू का परिवार खानदानी रूप से कांग्रेस से जुड़ा रहा है। इनके पिता का नाम राय साहब बलदेव साहू है और माता का नाम सुशीला देवी है। किसी जमाने में चुनाव प्रचार के दौरान देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी धीरज साहू के यहां रुकती थीं। यही नहीं देश के पूर्व राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद भी धीरज साहू के घर आ चुके हैं। शिव प्रसाद साहू (धीरज साहू के भाई) के जमाने में सांसद-विधायक के चुनाव के लिए टिकट से लेकर मंत्री पद भी इस परिवार की सिफारिश पर ही तय होता था।
घर को कहा जाता था व्हाइट हाउस-
साहू परिवार की लोहरदगा और आसपास के जिलों में कांग्रेस की चुनावी राजनीति और वित्तीय पोषण में अहम भूमिका हमेशा से रही है। कांग्रेस की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र होने की वजह से उनके पुश्तैनी मकान को लोहरदगा का व्हाइट हाउस भी कहा जाता है। इनके यहां फिल्म स्टार्स और क्रिकेटर्स भी आते रहते हैं।
परिवार ने दान किया था 47 किलो सोना!
शिव प्रसाद साहू जो रांची के सांसद रहे थे उन्हें कांग्रेस शासनकाल के दौरान इंदिरा गांधी का काफी करीबी माना जाता था। देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी लोहरदगा में इनके घर आ चुके हैं। राजेंद्र बाबू आजादी के पहले और आजादी के बाद उनके घर आए थे। ऐसा कहा जाता है कि 1947 में जब देश आजाद हुआ तो भारत सरकार को आजादी के बाद के पिता बलदेव साहू (धीरज साहू के पिता) ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 47 लाख रुपए और 47 किलो सोना दान में दिया था।
शराब का पुश्तैनी कारोबार-
धीरज साहू के परिवार का मुख्य कारोबार शराब से जुड़ा हुआ है। यह इनके परिवार का पुश्तैनी व्यवसाय है। इनके परिवार की ज्यादातर शराब कंपनियां ओड़िशा में हैं। धीरज साहू के पिता का नाम स्व. राय साहब बलदेव साहू है। धीरज साहू कुल छह भाई (शिव प्रसाद साहू, नंदलाल प्रसाद साहू, उदय प्रसाद साहू, किशोर प्रसाद साहू) हैं। जिनमें उनके रांची से कांग्रेस सासंद रहे भाई शिवप्रसाद साहू और एक भाई नंदलाल साहू का निधन हो चुका है। धीरज साहू तीसरी बार राज्यसभा सांसद बने हैं।
दो बार लड़ा चुनाव लेकिन नहीं मिली जीत-
धीरज साहू ने चतरा सीट से दो बार अपनी किस्मत आजमाई लेकिन सफलता नहीं मिली। उनके एक भाई गोपाल साहू ने 2019 में हजारीबाग से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन हार गये थे। उनके एक भाई का उदय साहू है। उदय साहू भी कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। धीरज साहू का एक बेटा है जिनका नाम हर्षित साहू है। भतीजा संजय साहू शिव प्रसाद साहू के पुत्र हैं, इनकी भी पारिवारिक कारोबार में बड़ी भूमिका है। रांची का सफायर इंटरनेशनल स्कूल और इनके भतीजे चलाते हैं।
चुनावी हलफनामे में बताई थी दो करोड़ की देनदारी-
धीरज साहू के एक भाई उदय प्रसाद साहू ही परिवार का मुख्य कारोबार संभालते हैं। चुनावी हलफनामे में धीरज साहू ने अपनी संपति 34 करोड़ प्लस रुपए बताई थी जबकि देनदारियां 2 करोड़ से ज्यादा की बताई थी। रांची यूनिवर्सिटी के मारवाड़ी कॉलेज से बीए (ऑनर्स) कर चुके धीरज साहू पर अभी तक कोई अपराधिक मामला नहीं हैं।
धीरज साहू इस समय काफी चर्चा में हैं। उनकी इस चर्चा का मुख्य कारण है उनके ठिकानों पर आयकर विभाग के छापे। इन छापों में उनके ठिकानों से 300 करोड़ से अधिक कैस मिला है। इसको लेकर पीएम मोदी भी ट्वीट कर चुके हैं तो वहीं भाजपा भी इनकम टैक्स के छापे को लेकर धीरज साहू पर जमकर हमला बोला है।