Manish Tiwari: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी भी BJP के संपर्क में, कमलनाथ के बाद दे सकते हैं पार्टी को झटका, लोकसभा सीट को लेकर फंसा हुआ है पेंच
Manish Tiwari : मनीष तिवारी की भाजपा में एंट्री इसलिए रूकी हुई है क्योंकि उनकी लोकसभा सीट को लेकर पेंच फंसा हुआ है।
Manish Tiwari: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने की अटकलें के बीच एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकार सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी भी भाजपा के संपर्क में है और जल्द ही कांग्रेस को बड़ा झटका दे सकते हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान आनंदपुर साहिब सीट से जीतने वाले मनीष तिवारी की पार्टी से नाराजगी की खबरें बीच-बीच में आती रही हैं। मनीष तिवारी की भाजपा में एंट्री इसलिए रूकी हुई है क्योंकि उनकी लोकसभा सीट को लेकर पेंच फंसा हुआ है। माना जा रहा है कि इस मुद्दे को सुलझाने के बाद उनकी भाजपा में एंट्री हो सकती है।
लुधियाना लोकसभा सीट को लेकर फंसा पेंच
मनीष तिवारी को पार्टी के चर्चित नेताओं में शुमार किया जाता रहा है। फिलहाल वे आनंदपुर साहिब से सांसद हैं मगर वे अपनी सीट बदलना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक वे 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा के चुनाव निशान पर लुधियाना लोकसभा सीट से लड़ना चाहते हैं। लुधियाना लोकसभा सीट पर भाजपा के पास पहले से ही कई सक्षम उम्मीदवार हैं। इसलिए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इसे लेकर ऊहापोह की स्थिति में फंसा हुआ है। माना जा रहा है कि इसी कारण मनीष तिवारी की भाजपा में एंट्री में विलंब हो रहा है।
वैसे मनीष तिवारी ने भाजपा में जाने की चर्चाओं को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि मैं अपने क्षेत्र के लोगों के लिए काम करने में जुटा हुआ हूं और भाजपा जाने में जाने की चर्चाओं में किसी भी प्रकार का कोई दम नहीं है। मैं इन चर्चाओं को प्रतिक्रिया जताने लायक भी नहीं मानता।
कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं मनीष तिवारी
वैसे आनंदपुर साहिब से पहले मनीष तिवारी लुधियाना लोकसभा सीट से भी चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से जीत हासिल की थी। 17वीं लोकसभा में वे आनंदपुर साहिब से चुनाव जीत कर पहुंचे थे। सांसद होने के साथ ही वे वकील भी हैं और यूपीए सरकार के समय 2012 से 2014 तक उन्होंने सूचना प्रसारण मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली थी।
1988 से 1993 तक वे भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के अध्यक्ष रह चुके हैं। 1998 से 2000 तक उन्होंने भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली थी। 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्हें शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार से हार का मुंह देखना पड़ा था जबकि 2009 के चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी। 2014 के चुनाव में वे खराब स्वास्थ्य के कारण चुनाव मैदान में नहीं उतरे थे। 2019 में उन्होंने आनंदपुर साहिब सीट से जीत हासिल की थी।
कांग्रेस के कई नेता दे चुके हैं पार्टी को झटका
कांग्रेस के कई प्रमुख नेताओं ने हाल के दिनों में पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा है। महाराष्ट्र में मिलिंद देवड़ा, बाबा सिद्दीकी और अशोक चव्हाण कांग्रेस को बड़ा झटका दे चुके हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता कमलनाथ भी अपने बेटे नकुलनाथ के साथ भाजपा में शामिल होने वाले हैं। ऐसे में मनीष तिवारी के नाम को लेकर भी सियासी हल्कों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।