चिदंबरम ने विलफुल डिफॉल्टर्स के कर्ज़माफी पर उठाए सवाल, कही ऐसी बात

पूर्व वित्त मंत्री ने पहले ट्वीट में लिखा, "कर्ज़माफी या बट्टेखाते में डाले जाने पर बहस अप्रासंगिक है, जो लोग इससे बहुत खुश होंगे, वे हैं नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या। नियम इंसानों ने ही बनाए हैं। अगर कोई नियम बनाया जा सकता है, तो उसे खत्म भी किया जा सकता है।"

Update: 2020-04-30 09:26 GMT

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने डूब चुके कर्ज को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को रास्ता सुझाया है। उन्होंने कुछ देर पहले दो ट्वीट किए हैं।

पूर्व वित्त मंत्री ने पहले ट्वीट में लिखा, "कर्ज़माफी या बट्टेखाते में डाले जाने पर बहस अप्रासंगिक है, जो लोग इससे बहुत खुश होंगे, वे हैं नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या। नियम इंसानों ने ही बनाए हैं। अगर कोई नियम बनाया जा सकता है, तो उसे खत्म भी किया जा सकता है।"

चिदंबरम ने ट्वीट किया, कर्ज़माफी या बट्टेखाते में डाले जाने पर बहस अव्यवहारिक है। इससे नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे लोग खुश होंगे। नियम इंसानों ने ही बनाए हैं।



Yes Bank पर बड़ी खबर: आरबीआई के गवर्नर ने कही ये बात

वसूली के लिए कदम उठाएं आरबी आई: चिदंबरम

अगर कोई नियम बनाया जा सकता है, तो उसे खत्म भी किया जा सकता है। इस ऐतिहासिक गलती को दुरुस्त करने का एकमात्र रास्ता है कि रिजर्व बैंक सभी संबद्ध बैंकों को निर्देश दे कि वे अपने बही-खातों में लिखे ब्यौरे को पलटें और भगोड़ों से वसूल नहीं किए जा सके कर्ज़ को अपनी बही में बकाया कर्ज के तौर पर दिखाकर उनकी वसूली के लिए कदम उठाएं।

दरअसल, कांग्रेस का दावा है कि 24 अप्रैल को आरटीआई के जवाब में रिज़र्व बैंक ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों का 68,607 करोड़ रुपया माफ करने की बात स्वीकार की। इनमें भगोड़े कारोबारी चोकसी, नीरव मोदी और माल्या के नाम भी शामिल हैं।

कांग्रेस के इस दावे को लेकर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार रात कहा कि जानबूझ कर ऋण नहीं चुकाने वाले संप्रग सरकार की फोन बैंकिंग के लाभकारी हैं और मोदी सरकार उनसे बकाया वसूली के लिए उनके पीछे पड़ी है।

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