Loksabha Election: कांग्रेस ने तैयार की PM मोदी की 8 कृषि विफलताओं सूची, जबरन वसूली से लेकर किसान आत्महत्या शामिल

Loksabha Election 2024: एनएसएसओ के अनुसार, 2013 के बाद से बकाया ऋण 58% बढ़ गया है। हमारे आधे से अधिक किसान कर्ज में हैं। दूसरा, चूंकि 2014 में हमने 1 लाख से अधिक किसानों को आत्महत्या से मरते देखा है।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-03-20 05:05 GMT

Loksabha Election 2024 (सोशल मीडिया) 

Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा का किला ढहाने के लिए कांग्रेस अपनी रणनीतियों में कृषि मुद्दा को भी जोड़ा है, जिसके जरिये वह भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खिलाफ चुनावी रैलियों में वार करेगी। कांग्रेस ने भाजपा शासन कृषि नीतियों की कुछ प्रमुख विफलताओं को सूचीबद्ध किया है। कांग्रेस ने 8 प्रमुख कृषि नीतियों की विफलताओं की सूची तैयारी की है, जिसमें जीएसटी के जरिये किसानों जबरन वसूली लेकर किसानों की आत्महत्याएं शामिल हैं। इन सूचियों को सूचीबद्ध करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम नरेश ने कहा कि मोदी सरकार की विफलताओं की वजह से कृषि मंत्रालय की नाकामियां सबसे सामने है।

कृषि इनपुट्स पर जबरन जीएसटी

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कृषि पर भाजपा सरकार की नीतियों की 8 प्रमुख विफलताओं की सूचिबद्ध करते हुए इनके बारे में विस्तार से बताते हुए एक्स पर कई पोस्ट किए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की सभी विभिन्न विफलताओं में से कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की सरासर अक्षमता और दुर्भावना सबसे हानिकारक और स्वयं-स्पष्ट है। पहली मुख्य विफलता कृषि इनपुट्स पर जबरन जीएसटी थी, जिस पर रमेश ने कहा कि जीएसटी का डिज़ाइन पूरी तरह से किसान विरोधी है। जीएसटी के कारण किसानों के लिए आवश्यक लगभग हर इनपुट की कीमत बढ़ गई है। 2004-05 में यूपीए के पहले बजट में ट्रैक्टरों पर उत्पाद शुल्क समाप्त कर दिया गया था, लेकिन जीएसटी के तहत ट्रैक्टरों पर टैक्स रेट बढ़ाकर 12% कर दिया गया है, जबकि ट्रैक्टर के टायर पर जीएसटी 18% और स्पेयर पार्ट्स पर 28% है। इस बीच, जीएसटी के अंतर्गत उर्वरक पर 5% कर लगाया गया है। इसके अलावा अमोनिया जैसे उर्वरक पर 18% का उच्च जीएसटी लगाया गया है। ऐसे समय में जब किसान पहले से ही बढ़ती इनपुट कीमतों से जूझ रहे हैं, जीएसटी का उच्च स्तर लगाना दुर्भावनापूर्ण है।

सस्ते आयात अनुमनित से किसान परेशान

रमेश ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार सस्ते आयात की अनुमति देकर किसानों के लिए कृषि उत्पादों के निर्यात को और अधिक कठिन बना रही है। उन्होंने कहा कि इससे भारत के किसानों को गहरी चोट पहुंची है, उन्हें न केवल अपनी उपज के लिए उचित बाजार मूल्य नहीं मिल रहा है, बल्कि अप्रत्याशित निर्यात प्रतिबंधों का मतलब है कि वे अपनी फसलों की उचित योजना नहीं बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को आवंटित 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का उपयोग न होने के कारण "सरेंडर" कर दिया गया है।

दोगुनी आय वादे हुआ खारिज

रमेश ने 2016 और 2022 के बीच "किसानों की आय दोगुनी" करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किसानों की आय को सभी छह वर्षों के लिए हर साल 12 प्रतिशत से अधिक बढ़ाना होगा। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि नवीनतम एनएसएसओ एसएएस रिपोर्ट के अनुसार, 2015-16 से 2018-19 तक वास्तविक कृषि आय प्रति वर्ष केवल 2.8% बढ़ी।

यूपीए में गेहं और धान पर ये था समर्थन मूल्य

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में अपर्याप्त वृद्धि और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू न करने की ओर इशारा करते हुए रमेश ने कहा कि जबकि यूपीए ने गेहूं में एमएसपी 119% और धान में 134% बढ़ाया। मोदी सरकार ने इसे क्रमशः 47% और 50% बढ़ाया है। फसल विविधीकरण के पीएम मोदी के असफल प्रयासों पर रमेश ने कहा कि 2014 के बाद से धान के तहत कृषि क्षेत्र में 20 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है और बाजरा के तहत कृषि क्षेत्र में 30 लाख हेक्टेयर की कमी आई है।

तिलहन उत्पादन में गिरावट

खाद्य तेलों के लिए आयात पर देश की निर्भरता पर प्रकाश डालते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि हालांकि 56 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेल आयात से आते हैं। 2014 के बाद से तिलहन का उत्पादन प्रति वर्ष केवल 1.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।

1 लाख किसान कर चुके आत्महत्या

किसानों पर बढ़ते कर्ज और किसानों की आत्महत्या के बारे में विस्तार से बताते हुए रमेश ने कहा कि किसानों का कर्ज आसमान छू रहा है। एनएसएसओ के अनुसार, 2013 के बाद से बकाया ऋण 58% बढ़ गया है। हमारे आधे से अधिक किसान कर्ज में हैं। दूसरा, चूंकि 2014 में हमने 1 लाख से अधिक किसानों को आत्महत्या से मरते देखा है। उन्होंने सरकार से पूछा कि यदि कृषि मंत्री किसानों को कर्ज में डूबने से पहले मदद करने के लिए बुनियादी उपाय भी नहीं कर सकते हैं, तो वह आख़िर क्या करने में व्यस्त हैं?

कांग्रेस की किसान न्याय गारंटी

कांग्रेस द्वारा घोषित किसान न्याय गारंटी के बारे में बोलते हुए रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी स्वामीनाथन फॉर्मूले पर एमएसपी की कानूनी गारंटी, किसानों के लिए स्थायी ऋण माफी आयोग, फसल नुकसान के 30 दिनों के भीतर बीमा भुगतान की गारंटी, किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए स्थिर आयात-निर्यात नीति का वादा करती है। साथ ही, खेती के लिए इनपुट पर कोई जीएसटी नहीं लगाएगी।

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