Haryana Election 2024: हरियाणा में सपा को सीटें देने से कांग्रेस का इनकार, यूपी उपचुनाव में दिख सकता है तल्खी का असर
Haryana Election 2024: खिलेश यादव ने अब सपा को उत्तर प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों में मजबूत बनाने का सपना पाल रखा है। हरियाणा में भी कुछ सीटों पर अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं।
Haryana Election 2024: लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन का काफी असर दिखा था और दोनों दलों को इसका सियासी फायदा मिला था। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 37 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव अन्य राज्यों में भी पार्टी का विस्तार करना चाहते हैं मगर कांग्रेस ने उन्हें भारी झटका देती हुई दिख रही है। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में सपा की ओर से 3 से 5 सीटों की डिमांड रखी गई है मगर कांग्रेस हरियाणा में सपा को ये सीटें देने के लिए तैयार नहीं है। हरियाणा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य में इंडिया गठबंधन के किसी भी घटक दल के साथ समझौता करने से इनकार कर दिया है। इससे दोनों दलों के बीच तल्खी पैदा होती दिख रही है जिसका असर उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर पड़ सकता है।
यूपी के बाहर सपा को मजबूत बनाने का सपना
दरअसल सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अब सपा को उत्तर प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों में मजबूत बनाने का सपना पाल रखा है। सपा के वोट बैंक यादव और मुस्लिम मतदाताओं के भरोसे वे हरियाणा में भी कुछ सीटों पर अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। सपा दक्षिण हरियाणा की यादव-मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है मगर कांग्रेस का स्थानीय नेतृत्व इसके लिए तैयार नहीं है। हरियाणा में कांग्रेस काफी दिनों से विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी हुई है। कांग्रेस ने इस बार अपने दम पर बहुमत हासिल करते हुए भाजपा को सत्ता से बेदखल करने की रणनीति तैयार की है। ऐसे में कांग्रेस राज्य में किसी अन्य दल के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार नहीं है।
हुड्डा ने किया किसी भी दल से गठबंधन से इनकार
हरियाणा कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस का सबसे ताकतवर नेता माना जाता है। हुड्डा ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी या इंडिया गठबंधन के किसी भी दल के साथ कोई गठबंधन नहीं किया जाएगा। हमने राज्य की सभी सीटों पर अपने बलबूते चुनाव लड़ने की रणनीति तैयार की है।
हरियाणा में कांग्रेस की लहर होने का दावा
उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर भाजपा का वोट प्रतिशत गिरा है जबकि कांग्रेस के वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर हारने वाली कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य की 10 में से 5 सीटों पर जीत हासिल की है। हुड्डा ने दावा किया है कि हरियाणा में कांग्रेस की लहर दिख रही है और पार्टी अपने दम पर सरकार बनाने में सक्षम है। ऐसे में हमें किसी भी दल के साथ समझौते की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि हुड्डा के करीबी नेताओं का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि राष्ट्रीय स्तर पर किसी दल के साथ समझौते की कोई बातचीत चल रही है या नहीं।
यूपी के उपचुनाव पर दिख सकता है असर
सियासी जानकारों का मानना है कि हरियाणा में अगर कांग्रेस का यही रुख बना रहा तो इस तल्खी का असर उत्तर प्रदेश में भी दिख सकता है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने वाले हैं। यूपी की कई सीटों पर कांग्रेस की ओर से दावेदारी की जा रही है। जानकारों का कहना है कि तीन सीटों को लेकर कांग्रेस का नेतृत्व काफी गंभीर है। जानकारों का मानना है कि यदि हरियाणा में तल्खी बढ़ी तो उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी कांग्रेस को हिस्सेदारी देने से इनकार कर सकती है। इसीलिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अभी तक हरियाणा में सीटों के बंटवारे को लेकर चुप्पी साथ रखी है जबकि हुड्डा ने अन्य दलों को सीटें देने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है।
मध्य प्रदेश में भी पैदा हुई थी दोनों दलों में तल्खी
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान भी सपा और कांग्रेस में सीटों के बंटवारे को लेकर काफी तल्खी पैदा हो गई थी। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सपा को सीटें देने से साफ तौर पर इनकार कर दिया था। कमलनाथ और सपा मुखिया अखिलेश यादव के बीच तीखी बयानबाजी भी हुई थी। बाद में समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि सपा के चुनाव लड़ने के कारण दो सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व हरियाणा को लेकर क्या रणनीति अपनाता है।
कांग्रेस में मजबूत उम्मीदवारों की तलाश तेज
वैसे कांग्रेस ने हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों की तलाश तेज कर दी है। कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी सभी सीटों पर टिकट के दावेदारों की ताकत की छानबीन करने में जुटी हुई है। स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने राज्य कांग्रेस के नेताओं के साथ इस बाबत लंबा मंथन भी किया है। माना जा रहा है कि स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से जल्द ही उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाई जा सकती है। इसके बाद सितंबर के पहले हफ्ते के दौरान केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन उम्मीदवारों के नाम को अंतिम मंजूरी दी जा सकती है।