Bangladesh: डोनाल्ड ट्रंप को मोहम्मद यूनुस कर रहे दरकिनार, अब PM मोदी और Elon Musk की दोस्ती में डाल रहे दरार
Bangladesh: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2016 में ट्रंप के चुनाव को काला दिन बताने वाले बांग्लादेश के अंतरिम सराकर के मुखिया मोहम्मद यूनुस नई राजनीति खेल रहे हैं। ट्रंप सरकार से नजदीकियां तो बढ़ा रहे हैं, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप को दरकिनार करके।;
Elon Musk and PM Modi
Bangladesh: बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस एकदम अलग ही राजनीति कर रहे हैं। कट्टर दुश्मन देश पाकिस्तान के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए एक दूसरे के साथ बैठक कर रहे हैं। यूनुस दोनों देशों के बीच व्यापार मजबूत करने की कोशिश में प्रयासरत हैं। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2016 में ट्रंप के चुनाव को काला दिन बताने वाले यूनुस अब ट्रंप को किनारे कर उनके मंत्री और दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन एलन मस्क के साथ मीटिंग कर रहे हैं।
विदेश मामलाे के जानकार भारतीय ब्रह्म चेलानी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, क्लिंटन और सोरोस से अपने संबंधों के कारण यूनुस ने ट्रम्प के 2016 के चुनाव को "सूर्यग्रहण" और "काला दिन" कहा था। लेकिन अब वह ट्रम्प के साथ पक्षपात करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें मस्क के साथ वर्चुअल मीटिंग करना भी शामिल है।
इस बीच, मोदी के साथ संयुक्त समाचार सम्मेलन में ट्रम्प से पूछा गया कि मिस्टर प्रेसीडेंट आप बांग्लादेश मुद्दे के बारे में क्या कहना चाहेंगे क्योंकि हमने देखा है, और यह स्पष्ट है, कि कैसे बिडेन प्रशासन के दौरान शासन परिवर्तन में यू.एस. का डीप स्टेट शामिल था। फिर मुहम्मद यूनुस ने जूनियर सोरोस से भी मुलाकात की। ट्रम्प ने दावा किया कि बांग्लादेश में शासन परिवर्तन में "हमारे डीप स्टेट की कोई भूमिका नहीं है।
बांग्लादेश के मुद्दे पर ट्रंप ने दाएं बाएं दिया जवाब
ट्रम्प ने जवाब दिया, ठीक है, बांग्लादेश के सत्ता परिवर्तन में हमारे डीप स्टेट की कोई भूमिका नहीं थी। यह कुछ ऐसा है जिस पर प्रधानमंत्री मोदी लंबे समय से काम कर रहे हैं और ईमानदारी से कहूं तो सैकड़ों सालों से काम कर रहे हैं। मैं इसके बारे में पढ़ रहा हूँ। लेकिन मैं बांग्लादेश को प्रधानमंत्री पर छोड़ता हूं।
बता दें कि भारतीय विदेश मंत्रालय के जानकार के मुताबिक, पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने में मदद करना था। जो बाइडेन के राष्ट्रपति पद के दौरान तनाव में आ गए थे। परिणाम बताते हैं कि यात्रा एक अच्छी शुरुआत थी। जहां तक ट्रम्प का प्रश्न है, उन्होंने एक चतुर व्यवसायी होने की अपनी प्रतिष्ठा को बरकरार रखा है जो कि भारत के साथ कठिन सौदेबाजी करना चाहता है।