Congress IT Notice: कांग्रेस को राहत, इनकम टैक्स की वसूली चुनाव होने तक नहीं होगी

Congress IT Notice: आयकर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह 3,500 करोड़ रुपये की मांग की वसूली के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाएगा।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2024-04-01 08:30 GMT

Congress Relief from Income Tax   (photo: social media )

Congress IT Notice: लोकसभा चुनाव से पहले वित्तीय संकट का सामना कर रही कांग्रेस के लिए एक बड़ी राहत की बात है। आयकर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह 3,500 करोड़ रुपये की मांग की वसूली के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाएगा, जिसमें लगभग 1700 करोड़ रुपये के नोटिस की वसूली भी शामिल है जो पिछले सप्ताह जारी की गई थी।

इनकम टैक्स विभाग की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और एजी मसीह की पीठ से कहा कि अप्रैल-जून के आम चुनावों के मद्देनजर कांफ्रेंस पार्टी से धन वापस पाने के लिए किसी भी तत्काल कार्रवाई का सहारा नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि - याचिकाकर्ता एक राजनीतिक दल है। यह विवादित निर्णय 2016 का है और इन मापदंडों के आधार पर, 2021 में एक डिमांड उठाई गई थी। मार्च 2024 में, हमने 134 करोड़ रुपये की वसूली की और अब हमने उन्हीं मापदंडों के आधार पर 1,700 करोड़ की मांग उठाई है। चूंकि चुनाव चल रहे हैं, जब तक चुनाव के बाद मामले की सुनवाई नहीं हो जाती, हम इस राशि की वसूली के लिए कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।

सुनवाई की शुरुआत में, चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स की ओर से उपस्थित सॉलिसिटर जनरल ने कहा किया कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि मार्च 2024 में कई तारीखों के लिए लगभग 3500 करोड़ रुपए की मांग की गई है।

अगली सुनवाई 24 जुलाई को सूचीबद्ध

पीठ ने अपने आदेश में दर्ज किया कि इन अपीलों में जो मुद्दे उठे हैं, उन पर अभी निर्णय होना बाकी है, लेकिन अब स्थिति को देखते हुए, विभाग इस मामले को तूल नहीं देना चाहता है और कहता है कि 3500 करोड़ की वसूली के संबंध में कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा।' कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को सूचीबद्ध की, साथ ही कहा कि विभाग द्वारा दी गई रियायत मामले पर बहस करने में विभाग के अधिकारों और तर्कों पर बिना किसी पूर्वाग्रह के है। पीठ ने मेहता की दलीलों को भी दर्ज किया कि 3500 करोड़ की मांग शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित अपीलों में विवाद से सख्ती से संबंधित नहीं हो सकती है और वे अलग-अलग कार्यवाही में विभाग द्वारा उठाई गई अन्य मांगों को भी छू सकते हैं।

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