Sonia Gandhi और प्रियंका गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं, जानें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़ा क्या है मामला?

Sonia Gandhi News Update: कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और उनकी बेटी प्रियंका गांधी ने पहले दिल्ली हाई कोर्ट में भी याचिका दी थी। मगर, वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली, जिसके बाद शीर्ष अदालत का रुख किया।

Update: 2023-07-10 15:54 GMT
सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी (Social Media)

Income Tax Assessment Case: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और रायबरेली सांसद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi News) और उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) आयकर विभाग से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट की चौखट पहुंची है। उन्होंने सोमवार (10 जुलाई) को अपने 2018-19 के आयकर असेसमेंट को इनकम टैक्स के केंद्रीय सर्किल में ट्रांसफर करने को चुनौती दी है। आपको बता दें, 2018-19 का ये मामला आर्म्स डीलर संजय भंडारी (Arms Dealer Sanjay Bhandari) से जुड़ा है।

क्या है मामला?

ये मामला आर्म्स डीलर संजय भंडारी से जुड़ा है। संजय मनी लॉन्ड्रिंग (Sanjay Bhandari Money Laundering Case) के आरोप में भारत में वांछित हैं। उसे कथित तौर पर प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) का करीबी बताया जाता है। हालांकि, रॉबर्ट वाड्रा ने आरोपी से किसी भी तरह के रिश्ते से इनकार किया है। प्रियंका गांधी ने भी उनके मामलों को सेंट्रल सर्कल (Central Circle) में स्थानांतरित करने का विरोध करते हुए कहा था कि, उनका आर्म्स डीलर संजय भंडारी मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

दिल्ली HC ने IT विभाग को सही ठहराया था

गौरतलब है कि, इससे पहले ये मामला दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष गया था। लेकिन, हाईकोर्ट ने सोनिया गांधी और उनकी बेटी की याचिका खारिज कर दी। तब हाई कोर्ट ने कहा था कि, आयकर विभाग (Income tax department) ने नियमों के हिसाब से ही फैसला लिया है। उनके मामलों को सेंट्रल सर्कल में स्थानांतरित करने का गांधी-नेहरू परिवार ने इस आधार पर विरोध किया था कि उनका संजय भंडारी और उसके समूह के मामलों से कोई लेना-देना नहीं है।

हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दी थी याचिका

दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस मनमोहन (Justice Manmohan) और जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा (Justice Dinesh Kumar Sharma) की बेंच ने की थी। 26 मई को ये याचिकाएं हाईकोर्ट की तरफ से खारिज कर दी गई थी। अदालत ने कहा था ये स्थानांतरण कानून के अनुसार था। दरअसल, गांधी परिवार ने असेसमेंट ईयर 2018-19 के लिए अपने मामलों को सेंट्रल सर्कल में ट्रांसफर करने के आईटी प्रिंसिपल कमिश्नर के आदेश को चुनौती दी थी।

सेंट्रल सर्कल का क्या है काम?

सेंट्रल सर्कल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच शाखा से जुड़ा है। सेंट्रल सर्कल को तलाशी के दौरान जमा किए गए सबूतों को अपने कब्जे में लेने तथा मामले को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने का आदेश दिया गया।

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