हरियाणा की हार से बढ़ी कांग्रेस की मुसीबत, सहयोगी दल ही लगे आंख दिखाने, महाराष्ट्र और झारखंड में झेलना होगा दबाव
Haryana Election: हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है।
Haryana Election: हरियाणा में कांग्रेस को मिली हार पार्टी की मुसीबत बढ़ाने वाली साबित हो रही है। इस हार के बाद इंडिया गठबंधन में शामिल सहयोगी दल ही कांग्रेस को आंखें दिखाने लगे हैं। चुनाव नतीजे सामने आने के बाद दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। केजरीवाल ने कहा कि चुनाव परिणाम का सबसे बड़ा सबक यह है कि किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए और अति आत्मविश्वासी होने से बचना चाहिए। कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी मुसीबत तो महाराष्ट्र में खड़ी हो गई है जहां शिवसेना का उद्धव गुट कांग्रेस को नसीहत देने लगा है।
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है कि कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि जहां उसकी भाजपा से डायरेक्ट फाइट होती है वहां पार्टी क्यों पिछड़ जाती है। शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने तो भाजपा को बधाई देने के साथ यहां तक कहा कि कांग्रेस को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना चाहिए क्योंकि भाजपा से सीधा मुकाबला होने की स्थिति में कांग्रेस कमजोर पड़ जाती है। माना जा रहा है कि हरियाणा के इस नतीजे के बाद कांग्रेस को अब महाराष्ट्र और झारखंड में सहयोगी दलों का जवाब झेलना होगा।
महाराष्ट्र और झारखंड में बढ़ा दबाव
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के बाद अब जल्द ही महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव की तारीखों का ऐलान होने वाला है। माना जा रहा है कि अब भाजपा से मुकाबले के साथ ही कांग्रेस को इंडिया गठबंधन में शामिल सहयोगी दलों का दबाव भी झेलना होगा। कांग्रेस के साथ गठबंधन करने वाले सहयोगी दल अब अपने प्रभुत्व वाले राज्यों में कांग्रेस का राजनीतिक असर कम करने की कोशिश करेंगे।
महाराष्ट्र में कांग्रेस को उद्धव गुट के साथ ही शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के भी दबाव का सामना करना होगा। महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद कांग्रेस ने अभी तक सहयोगी दलों के प्रति दबाव की रणनीति अपना रखी है मगर अब सहयोगी दल भी मुखर होंगे और इसके संकेत मिलने लगे हैं। ऐसी ही स्थिति झारखंड में भी दिखने वाली है जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से कांग्रेस पर दबाव बनाए जाने की संभावना है।
उद्धव गुट और आप ने दी कांग्रेस को नसीहत
हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद अब सहयोगी दलों ने तंज कसना शुरू कर दिया है। उद्धव गुट की तेजतर्रार सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि कांग्रेस को जिस राज्य में भाजपा के खिलाफ सीधी लड़ाई लड़नी होती है, वहां पार्टी कमजोरी स्थिति में दिखती है। कांग्रेस को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना चाहिए। सत्ता विरोधी लहर के बावजूद भाजपा जीत हासिल कर रही है। इससे साफ है कि कांग्रेस को अपने भीतर झांकना होगा और गठबंधन पर फिर से विचार करना होगा।
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने यह कहना शुरू कर दिया है कि यदि कांग्रेस ने हरियाणा में आप के साथ गठबंधन किया होता तो निश्चित रूप से दूसरी तस्वीर उभर कर सामने आती। केजरीवाल ने कांग्रेस नेतृत्व को याद दिलाया है कि किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए और अति आत्मविश्वास से बचना चाहिए। केजरीवाल ने तो यह ऐलान भी कर दिया है कि आम आदमी पार्टी अपने दम पर दिल्ली का विधानसभा चुनाव लड़ेगी। पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने भी इशारों में तंज कसते हुए कहा कि हमारी आरजू की फिक्र करते तो कुछ और बात होती, हमारी हसरत का ख्याल रखते तो एक अलग शाम होती।
उद्धव और शरद पवार को देनी होगी अहमियत
महाराष्ट्र में महाविकास गाड़ी गठबंधन में शामिल तीनों दलों कांग्रेस,शिवसेना के उद्धव गुट और एनसीपी के शरद पवार गुट के बीच अभी तक सीट बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। इसके साथ ही कांग्रेस उद्धव ठाकरे को सीएम चेहरा घोषित करने के पक्ष में भी नहीं है जबकि उद्धव गुट की ओर से इसके लिए दबाव बनाया जा रहा है। वैसे इस प्रस्ताव के पक्ष में शरद पवार भी नहीं है और उनका कहना है कि मुख्यमंत्री पद का फैसला चुनाव के बाद किया जा सकता है।
सियासी जानकारों का मानना है कि हरियाणा के नतीजे आने के बाद अब महाराष्ट्र में कांग्रेस सहयोगी दलों को दबाव में नहीं ले पाएगी। इसके साथ ही पार्टी को सहयोगी दलों की कुछ बातें भी माननी होगी। हालांकि कांग्रेस इंडिया गठबंधन को मजबूत बनाने की पक्षधर रही है मगर अब इस दिशा में उसे कुछ कुर्बानी देने के लिए भी तैयार रहना होगा।