रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट से कोरोना जांच पर सरकार ने लगाई रोक, ये है बड़ी वजह

चीन से आयात किए गए रैपिड टेस्ट किट को लेकर देश में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। राजस्थान और पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से एक्यूरेसी पर सवाल उठाए गए।

Update: 2020-04-25 13:10 GMT

नई दिल्ली: भारत में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में स्थिति और देशों की तुलना में बेहतर है। फिर भी हर रोज कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं अब कोरोना वायरस की जांच के लिए चीन से मंगाए गए रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट के इस्तेमाल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है।

एक्यूरेसी पर उठाए गए सवाल

बता दें कि चीन से आयात किए गए रैपिड टेस्ट किट को लेकर देश में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। राजस्थान और पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से एक्यूरेसी पर सवाल उठाए गए। जिसके बाद देश में मेडिकल की नियामक संस्था भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने राज्यों को इसका उपयोग न करने की सलाह दी थी। वहीं अब अगले आदेश तक इस टेस्टिंग किट के इस्तेमाल पर सरकार ने रोक लगा दी है।

विदेश मंत्रालय ने कहा चीन से आयात रहेगा जारी, करीब 20 उड़ानें भारत आएंगी

हालांकि विदेश मंत्रालय ये पहले ही साफ कर चुका है कि इसके बावजूद चीन से मेडिकल उपकरणों का आयात जारी रहेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक बयान में कहा है कि कुछ दिनों में करीब 20 उड़ानें भारत आएंगी और रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट, पीपीई किट, थर्मामीटर आदि मेडिकल उपकरण चीन से लेकर आने की उम्मीद है।

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चीन ने क्या कहा?

वहीं भारत में रैपिड टेस्टिंग किट्स को लेकर उठ रहे सवालों के बीच चीन की दो कंपनियों ने कहा है कि गुणवत्ता उनकी प्राथमिकता है। चीनी कंपनियों गुआंगजौ वोन्डफो बायोटेक कंपनी लिमिटेड और झुवाई लिवजोन डायग्नोस्टिक्स इंक ने भारत को निर्यात की जाने वाली परीक्षण किटों पर कहना है कि गुणवत्ता उनकी पहली प्राथमिकता है। गुणवत्ता मानक पर खरा उतरने के बाद वे अपना किट निर्यात करती हैं।

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