कोरोना है इतना खतरनाक: नौजवानों को बना रहा निशाना, ये बड़ा कारण
कोरोना संक्रमण अब तेजी से फैल रहा है। वहीं, इटली और स्पेन तो कोरोना से और भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कोरोना के कारण हो रही मौत के बढ़ते आंकड़ों से ये बात सामने आ रही है कि कोरोना से कई नौजवान, स्वस्थ और फिट लोगों को अपना निशाना बना रहा हैं।
नई दिल्ली: आपको शायद जानकर हैरानी होगी कि कोरोना वायरस से अमेरिका जैसे देश में 3100 से अधिक और ब्रिटेन में 1400 से अधिक लोगों की मौतें हो गई हैं। इन देशों में कोरोना संक्रमण अब तेजी से फैल रहा है। वहीं, इटली और स्पेन तो कोरोना से और भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कोरोना के कारण हो रही मौत के बढ़ते आंकड़ों से ये बात सामने आ रही है कि कोरोना से कई नौजवान, स्वस्थ और फिट लोगों को अपना निशाना बना रहा हैं।
नौजवानों ने पाबंदियों को नहीं माना और वे पार्टी करते रहे
शुरुआत में जब कुछ विशेषज्ञों द्वारा ये कहा गया कि कोरोना से बुजुर्गों को अधिक खतरा है तो नौजवानों से इसे गलत तरीके से समझा। कई देशों में नौजवानों ने पाबंदियों को नहीं माना और वे पार्टी करते रहे। इसकी वजह से भी कोरोना का संक्रमण फैलने में मदद मिली। लेकिन अब कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनमें स्वस्थ नौजवानों की भी कोरोना से मौत हो गई।
एडम हार्किन्स बिल्कुल फिट थे, कोरोना की वजह से हुई मौत
एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी लंदन में रहने वाले एडम हार्किन्स बिल्कुल फिट थे। उनकी उम्र महज 28 साल थी, लेकिन अब उनका नाम कोरोना से जान गंवाने वाले सबसे कम उम्र के लोगों में शामिल हो गया है। उन्हें इंड्यूस्ड कोमा में रखा गया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनकी मां जैकी ने कहा कि वह बिल्कुल स्वस्थ था।
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वहीं, भारतीय मूल की पूजा शर्मा बर्मिंघम में रहती थीं। 33 साल की पूजा की मौत भी कोरोना से हो गई है। एक दिन पहले ही उनके पिता सुधीर शर्मा की भी मौत कोरोना से हो गई थी।
नौजवानों की भी जानें ले रहा कोरोना
हालांकि, कोरोना वायरस के कुल मृतकों की संख्या का विश्लेषण करें तो कहीं बड़ी संख्या बुजुर्गों की है। लेकिन कोरोना अब नौजवानों की भी जानें ले रहा है। जानकारों का कहना है कि जिन देशों में स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी नहीं हैं, वहां और अधिक लोगों की मौत हो सकती है।
कई रिपोर्टों में इस तरह के दावे किए गए हैं कि ज्यादातर नौजवानों को कोरोना से मामूली बुखार जैसे लक्षण ही दिखेंगे या कुछ में हल्के लक्षण भी नही होंगे। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोज ए गेब्रियेसुस ने भी पिछले हफ्ते कहा है कि महामारी में नौजवान और स्वस्थ लोग अपराजेय नहीं रहेंगे। बुजुर्ग सबसे अधिक पीड़ित होंगे, लेकिन नौजवानों को कोरोना नहीं छोड़ेगा।
आईसीयू में भर्ती होने वाले हर 10 में से एक व्यक्ति नौजवान
एक आंकड़े के मुताबिक, अमेरिका में हॉस्पिटल में भर्ती किए गए 500 मरीजों में 20 फीसदी यानी कि करीब 100 लोग, 20 से 44 साल की उम्र के थे। कोरोना को लेकर आईसीयू में भर्ती होने वाले हर 10 में से एक व्यक्ति भी नौजवान होता है।
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आप ये नहीं कह सकते कि कौन जीत जाएगा
लीड्स इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च के वायरस एक्सपर्ट स्टीफन ग्रिफिन कहते हैं कि हर किसी को खतरा है। हर बार जब व्यक्ति संक्रमित होता है तो उसका संघर्ष शुरू होता है। आप ये नहीं कह सकते कि कौन जीत जाएगा। लंदन के किंग्स कॉलेज के संक्रमित रोगों के एक्सपर्ट नथाली मैकडरमॉट का कहना है कि हमने 20 से लेकर 39 साल तक के लोगों को वायरस से मरते देखा है। कुछ लोगों को पहले से स्वास्थ्य की कोई तकलीफ होती है, कई को नहीं होती है।
ऐसे ही एक मामले में आयरलैंड के केरी के रहने वाले मिशेल प्रेंडरगस्त की भी कोरोना से मौत हो गई। वे फिट और हेल्दी शख्स थे। जिम भी जाया करते थे। मिशेल की उम्र सिर्फ 28 साल थी। उन्होंने अस्पताल से एक वीडियो रिकॉर्ड कर कहा था कि ये गलत धारणा है कि कोरोना से संक्रमण नौजवानों को महज जुकाम या फ्लू की तरह होता है।