बिना लक्षणों के कोरोना मरीज! जानिए ये स्थिति कितनी अच्छी, कितनी खराब

भारत में हर दिन सैकड़ों की तादाद में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। बता दें कि देश में COVID- 19 के ऐसे कई केसेस आए हैं, जिनमें वायरस के कोई लक्षण नहीं देखने को मिले हैं।

Update:2020-04-22 09:40 IST

नई दिल्ली: भारत में तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है। हर दिन सैकड़ों की तादाद में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। बता दें कि भारत में COVID- 19 के ऐसे कई केसेस आए हैं, जिनमें वायरस के कोई लक्षण नहीं देखने को मिले हैं। हाल ही में आईसीएमआर (ICMR) ने भी बताया कि भारत में कोरोना वायरस के 80 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं, जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं। जिसे लेकर कई सवाल उठते हैं। सवाल ये है कि जिन मरीजों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, उन्हें क्या करना चाहिए?

बिना लक्षणों के मरीजों को पाया गया कोरोना पॉजिटिव

मैक्स हेल्थकेयर के डायरेक्टर डॉ. संदीप बुद्धिराजा का कहना है कि, भारत में अब ऐसे मरीजों को भी कोरोना पॉजिटिव पाया जा रहा है, जिसमें वायरस के कोई लक्षण (खांसी, जुकाम, बुखार) देखने को नहीं मिले और ना ही वो कोरोना मरीज के संपर्क में आए हैं।

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भारत के लिए ये स्थिति अच्छी भी और खराब भी

डॉक्टरों का मानना है कि मरीजों में किसी लक्षण का न दिखाई देने की स्थिति भारत के लिए अच्छी भी है और खराब भी। डॉक्टरों का कहना है कि ये स्थिति इसलिए अच्छी है, क्योंकि बहुत से मरीज खुद ही ठीक हो जा रहे हैं और हॉस्पिटल्स में उतने मरीज नहीं हैं, जिस लेवल में कोरोना वायरस है।

लेकिन यह स्थिति इसलिए बुरी हो जाती है क्योंकि, ऐसे लोगों से अनजाने में दूसरे लोगों को भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है। ऐसे में अब भारत को ज्यादा से ज्यादा लोगों के टेस्ट करने होंगे। इसके अलावा हॉटस्पॉट एरिया में ज्यादा पाबंदी लगाना भी एक बेहतर विकल्प है।

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रैपिड टेस्ट पर है कन्फ्यूजन

एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि, रैपिट टेस्ट के जरिए लक्षण आने के 7 दिन बाद ही सही परिणाम मिल सकते हैं। उनका कहना है कि अगर इसका हर जगह इस्तेमाल किया गया तो गलत रिजल्ट भी आ सकते हैं। इसलिए उन मरीजों पर ही इसका इस्तेमाल करना ठीक रहेगा, जिनमें लक्षण को 7 दिन हो चुके हैं।

ऐसे लोगों में करें रैपिड टेस्ट

अगर टेस्ट निगेटिव आता है तो ठीक है, लेकिन अगर पॉजिटिव आता है तो पुष्टि करने के लिए आर टी पीसीआर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि रैपिड टेस्ट का हॉटस्पॉट इलाके में इस्तेमाल करें। और ऐसे लोगों का टेस्ट करें, जिन्हें कोरोना वायरस होने की आशंका हो।

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