कोरोना वैक्सीन : ट्रायल के नतीजे नहीं जगा रहे उत्साह

शुरुआती नतीजे जो भी हों, ये सभी कंपनियाँ वैक्सीन के काम में आगे बढ़ रही हैं। अभी तक सिर्फ वैक्सीन का सेफ़्टी ट्रायल ही हुआ है। इनसानों में कोविड-19 से बचाव होता है या नहीं इसके बारे में व्यापक परीक्षण के नतीजे कुछ महीनों में आने की उम्मीद है। 

Update:2020-05-22 16:16 IST

लखनऊ। पूरी दुनिया कोविड-19 की वैक्सीन की आस में वैज्ञानिकों और दवा कंपनियों की ओर टकटकी लगा कर बैठी है। वैक्सीन डेवेलप करने का काम भी सुपर फास्ट गति से हो रहा है। इस बीच कुछ जगहों से खबरें आयीं है कि वैक्सीन के ट्रायल सफल रहे हैं लेकिन इसके पीछे की तस्वीर अब भी साफ नहीं है।

18 मई को अमेरिकी बायोटेक कंपनी मोडेरना ने वैक्सीन एक पहले इनसानी ट्रायल के डेटा प्रस्तुत किए। इसकी कोविड-19 वैक्सीन से इनसानों में इम्यून प्रतिरक्षा देखने को मिली जबकि चूहों में इसका असर फेफड़ों की रक्षा के रूप में सामने आया। कंपनी की इस घोषणा के बाद उसके शेयर के भाव ऊपर चढ़ गए लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि कंपनी के दावों का विश्लेषण करने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में कुछ कहा नहीं जा सकता।

नाक में जमा कोरोना रहा अजेय

यूनाइटेड किंगडम की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भी एक वैक्सीन पर काम कर रही है। इसके ट्रायल बंदरों पर किए गए तो पता चला कि उनमें निमोनिया से बचाव हुआ है। लेकिन जिन बंदरों को वैक्सीन लगाई गई और जिनको नहीं लगाई गई – दोनों ग्रुपों के बंदरों की नाक में कोरोना वायरस का जमावड़ा समान था। यानी वैक्सीन नाक में जमा वायरस को खत्म नहीं कर पायी। ऑक्सफोर्ड की टीम ने एक हजार लोगों पर ट्रायल की योजना बनाई है और कुछ को वैक्सीन लगाया भी जा चुका है लेकिन इसके नतीजे आने में अभी वक्त है।

चीन के एक संस्थान ने अपनी वैक्सीन के बारे में भी ऐसी ही जानकारी दी है। एक अन्य कंपनी की वैक्सीन में पता चला है कि बंदरों के फेफड़ों में संक्रमण से बचाव तो हो गया लेकिन उनके शरीर के अन्य हिस्सों में संक्रमण ज्यों का त्यों रहा।

शुरुआती नतीजे जो भी हों, ये सभी कंपनियाँ वैक्सीन के काम में आगे बढ़ रही हैं। अभी तक सिर्फ वैक्सीन का सेफ़्टी ट्रायल ही हुआ है। इनसानों में कोविड-19 से बचाव होता है या नहीं इसके बारे में व्यापक परीक्षण के नतीजे कुछ महीनों में आने की उम्मीद है।

नीलमणिलाल की रिपोर्ट

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