कोरोना वायरस की दस्तक भारत में: 20 हजार यात्रियों की हुई जांच, अलर्ट

भारत में खतरनाक कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। इस मामले में भारत के 96 विमानों के 20 हजार यात्रियों की थर्मल जांच की गई है।

Update:2020-01-25 09:05 IST

नई दिल्ली: भारत में खतरनाक कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। इस मामले में भारत के 96 विमानों के 20 हजार यात्रियों की थर्मल जांच की गई है। इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इन स्वास्थ्य जांचों में कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से ग्रसित नहीं पाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि अभी तक अलग-अलग देशों से आ रहे 96 विमानों के यात्रियों की जांच की गई है। इन 96 विमानों में सवार सभी 20 हजार 844 यात्री कोरोना वायरस से पूरी तरह सुरक्षित पाए गए हैं। कोरोना वायरस से चीन में बहुत से व्यक्तियों की मौत के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन हर तरह की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

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अब चीन के बाद सिंगापुर में भी नोवेल कोरोना वायरस का मामला सामने आया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी पुष्टी की है। पड़ोसी देशों में गंभीर बीमारी का ये वायरस पाए जाने के बाद अब भारत सरकार ने भी सर्तकता बरतनी शुरू कर दी है। इसी के तहत अलग-अलग देशों से आ रहे 20 हजार से अधिक विमान यात्रियों की विशेषज्ञों द्वारा गहन थर्मल जांच की गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी के रूप में दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, अहमदाबाद, अमृतसर, कोयंबटूर, गुवाहाटी, जयपुर, बागडोगरा, गया, त्रिवेंद्रम, त्रिची, वाराणसी और विजाग हवाई अड्डों के लिए हाई अलर्ट जारी किए गए हैं। चीन से आने वाले अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की थर्मल स्कैनर के जरिये जांच करने का निर्देश भी दिया है। नागर विमानन मंत्रालय के सहयोग से विमान में इस संबंध में घोषणाएं की जा रही हैं। चीन जाने वाले और वहां से आने वाले यात्रियों के लिए यात्रा सलाह भी जारी किया गया है। ये सलाह स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

चीन, सिंगापुर और जापान से आने वाले यात्रियों की जांच

अभी तक दिल्ली, मुंबई और कोलकाता एयरपोर्ट पर चीन, सिंगापुर व जापान से आने वाले 60 विमानों में सवार कुल 12,828 यात्रियों की जांच की जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रयोगशाला जांच, निगरानी, संक्रमण रोकथाम तथा नियंत्रण (आईपीसी) और जोखिम संचार पर सभी सम्बन्धित को आवश्यक निर्देश जारी किया है। सामुदायिक निगरानी के लिए एकीकृत बीमारी निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) बनाया गया है। एनआईवी पुणे, आईसीएमआर प्रयोगशाला देश में एनसीओवी के लिए नमूने की जांच में समन्वय कर रहे हैं।

उच्चस्तरीय बैठकों में अस्पतालों में प्रबन्धन तथा संक्रमण रोकथाम नियंत्रण सुविधाओं के बारे में तैयारी की समीक्षा की गई है। राज्यों के साथ परामर्श और आईपीसी दिशा-निर्देश साझा किए गए हैं. पीपीई सहित पर्याप्त लॉजिस्टक भंडार उपलब्ध है। राज्य सरकारों को आवश्यक एहतियाती उपाय करने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना वायरस को लेकर विदेश मंत्रालय के भी सम्पर्क में है। हवाई अड्डों पर अप्रवासन अधिकारियों को इस बारे सर्तक रहने को कहा गया है।

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संक्रमण के तथ्यों पर किया जा रहा है गौर

चीन में वायरस फैलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग की सचिव प्रीति सूदन को सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था की समीक्षा करने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ये कदम समय से कोरोना वायरस की पहचान और इसके फैलाव को रोकने के लिए उठाए जा रहे हैं। इस वायरस का मानव से मानव संक्रमण वैश्विक स्तर पर कम है। इसलिए सीमित मानव से मानव संक्रमण के तथ्य को भी ध्यान में रखा जा रहा है।

जेनेवा में गुरुवार को हुई विश्व स्वास्थ्य संगठन बैठक के बाद WHO ने कहा कि अभी भी वायरस की स्थिति विकसित हो रही है। लेकिन अभी वायरस फैलने की ठोस वजह फिलहाल स्पष्ट नहीं है लेकिन WHO की प्राथमिक जांच इस वायरस को समुद्री खाद्य बाजार से जोड़ती है। कोरोना वायरस विषाणुओं के परिवार का है और इससे लोग बीमार पड़ जाते हैं। ये वायरस ऊंट, बिल्ली तथा चमगादड़ सहित पशुओं में प्रवेश कर जाता है। दुर्लभ स्थिति में पशु कोरोना वायरस बढ़कर लोगों को भी संक्रमित कर सकता है।

ऐसे करें बचाव

अपने हाथ साबुन और पानी या अल्कोहल युक्त हैंड रब से साफ करें। खांसते और छींकते वक्त अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से ढंक कर रखें।

जिनमें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ दूरी बनाकर रखें।

इसके अलावा खाने को अच्छे से पकाएं, मीट और अंडों को भी पकाकर ही खाएं। जानवरों के संपर्क में कम आएं।

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