बड़ा संकटः केंद्र ने इस जगह बताई वेंटिलेटर व बेड की कमी, अब क्या होगा
देश में तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है। रोजाना हजारों की तादाद में नए मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने ऐसे पांच राज्यों को आगाह किया है, जहां कोरोना के गंभीर पेशेंट के लिए आईसीयू और वेंटिलेटर की कमी हो सकती है।
नई दिल्ली: देश में तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है। रोजाना हजारों की तादाद में नए मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने ऐसे पांच राज्यों को आगाह किया है, जहां कोरोना के गंभीर पेशेंट के लिए आईसीयू और वेंटिलेटर की कमी हो सकती है। केंद्र सरकार ने जिन पांच राज्यों को सचेत किया है उसमें तमिलनाडु, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश शामिल है। जहां पर जून से अगस्त के बीच आईसीयू और वेंटिलेटर की कमी पड़ सकती है।
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दिल्ली में तीन जून से ही शुरू हो गई है कमी
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी तेजी से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। इस बीच दिल्ली में तीन जून से ही आईसीयू बेड की कमी शुरू हो गई है। आंकड़ों के अनुसार, आने वाले समय में वेंटिलेटर, आइसोलेशन बेड और ऑक्सीजन की भी कमी पड़ सकती है।
महाराष्ट्र में आठ अगस्त से आ सकती है कमी
वहीं माना जा रहा है कि महाराष्ट्र मे आठ अगस्त से आईसीयू बेड कम पड़ना शुरू हो सकते हैं। वहीं राज्य में 27 जुलाई से वेंटिलेटर्स की कमी हो सकती है। तमिलनाडु में नौ जुलाई के बाद से आसीयू बेड की संख्या में कमी आ सकती है। वहीं 21 जुलाई से ऑक्सीजन की कमी शुरू हो सकती है।
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उत्तर प्रदेश और गुजरात को भी किया गया आगाह
इसी तरह उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी आने वाले समय में वेंटिलेटर, आइसोलेशन बेड और ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। गौरतलब है कि भारत में अचानक से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ना शुरू हो गए। हर दिन करीब दस हजार के आसपास मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना से सबसे ज्यादा महाराष्ट्र राज्य प्रभावित हुआ है। वहीं दिल्ली में भी कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
इसलिए केंद्र सरकार कर रही है राज्यों को आगाह
केंद्र सरकार पहले से ही राज्यों को आने वाली स्थिति के बारे में सचेत करने रही है ताकि वो पहले से ही अपनी तैयारी पूरी करके रखें। फिलहाल भारत में कोरोना का डेथ रेट दुनिया में सबसे कम बताया जा रहा है। लेकिन आने वाले समय में गंभीर संक्रमण के दौरान उपकरणों की कमी पड़ती है तो फिर ये तेजी से बढ़ सकते हैं।
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