बड़ी राहत: अब 'वॉयस सैंपल टेक्नोलोजी' से पलक झपकते ही होगी कोरोना की जांच
भारत में कोरोना की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। दिल्ली, यूपी और महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कोरोना से संक्रमित मरीजों के मामले में महाराष्ट्र देश में पहले नम्बर पर बना हुआ है।
वर्ली: भारत में कोरोना की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। दिल्ली, यूपी और महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कोरोना से संक्रमित मरीजों के मामले में महाराष्ट्र देश में पहले नम्बर पर बना हुआ है।
यहां कोरोना के मामले दिनों-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। इसे लेकर महाराष्ट्र सरकार भी चिंतित है। जिस तरह से रोज बड़ी संख्या में मरीज मिल रहे हैं। उससे लगभग सभी मरीजों की मैनुअली जांच कर पाना संभव नहीं है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच हो इसके लिए न्यू टेक्नोलोजी का इस्तेमाल करने जा रही है।
इस टेक्नोलोजी की सबसे खास बात ये है कि इसके लिए बॉडी से सैम्पल लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि केवल आवाज(वॉयस सैंपल) से ही कोरोना की जांच हो जाएगी। इस बात की जानकारी खुद शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने दी है।
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आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर दी जानकारी
आदित्य ने ट्विटर पर इस बारे में पोस्ट करते हुए लिखा है- बीएमसी आवाज के नमूनों का उपयोग करके AI-आधारित कोविड टेस्टिंग का एक परीक्षण करेगी।
आरटी-पीसीआर टेस्टिंग भी होती रहेगी, लेकिन दुनियाभर में टेस्ट की गई तकनीकें साबित करती है कि महामारी ने हमें हमारे स्वास्थ्य ढांचे में तकनीक के उपयोग से चीजों को अलग तरह से देखने और विकसित करने में मदद की है।
यहां बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना की रोकथाम के लिए उद्धव सरकार हर वो कोशिशें करती हुई नजर आ रही है, जिससे लोगों में इस वायरस को फैलने से रोका जा सके। वायस सैम्पलिंग भी उसी का एक हिस्सा है।
इसके पीछे सरकार की मंशा है इससे कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच होगी और समय पर इलाज मिलने से लोगों की जान को बचाया जा सकेगा।'
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राज्य में कोरोना की मौजूदा स्थिति पर बात करें तो शनिवार तक महाराष्ट्र में 12 हजार 822 नए केस सामने आए थे। कोरोना से 275 लोगों की जान गई थी। 26 लाख 47 हजार 20 सैंपल में से 5 लाख 3 हजार सैंपल पॉजिटिव पाए गए थे। सूबे में अभी 9 लाख 89 हजार 612 मरीज होम क्वारनटीन हैं और 35 हजार 625 इंस्टीट्यूशनल क्वारनटीन है।
महाराष्ट्र में कुल 1 लाख 47 हजार 48 एक्विट केस हैं। अगर हम रिकवरी रेट की बात करे तो वो 67.26 प्रतिशत बना हुआ है। 11 हजार 81 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं। इसके बाद मरीजों के ठीक होने का आंकड़ा 3 लाख 38 हजार 262 हो गया है।
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