सीएए प्रदर्शन पर कोर्ट का बड़ा आदेश, कह दी ऐसी बात

मद्रास हाईकोर्ट ने चेन्नई में होने वाले सीएए विरोधी प्रदर्शन पर रोक लगाने से किया इनकार। कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर दिया फैसला..

Update: 2020-02-18 12:13 GMT

मद्रास हाईकोर्ट ने सीएए विरोधी प्रदर्शन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। चेन्नई में बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में एक प्रदर्शन आयोजित किया गया था जिसे लेकर कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है।

जनहित याचिका पर आया फैसला....

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दरअसल चेन्नई में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में होने वाले प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए अदालत में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में मुस्लिम संगठनों सहित कुछ अन्य संगठनों द्वारा तमिलनाडु विधानसभा की घेराबंदी करने के लिए प्रस्तावित आंदोलन की अनुमति देने से रोकने की मांग की गई थी ताकि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ सदन में प्रस्ताव लाने की मांग की जा सके।

मुख्यमंत्री ने सरकार को बताया अल्पसंख्यकों का हितकर....

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने विधानसभा में कहा था कि कुछ दिन पहले संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के पीछे 'निहित स्वार्थ' थे और अफवाह के चलते यह विरोध राज्य के विभिन्न हिस्सों में फैल गया। मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार को अल्पसंख्यकों का हितकर बताते हुए कहा मैं इस बात को साफ करना चाहूंगा कि अम्मा की सरकार हमेशा अल्पसंख्यकों के हितों का बचाव करेगी।

14फरवरी को हुई थी झड़प...

मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कहा कि शुक्रवार की घटना को छोड़कर राज्य में होने वाले सभी प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे। ग्यात हो कि उत्तर चेन्नई के ओल्ड वाशरमैनपेट क्षेत्र में 14 फरवरी से जारी धरने को सोशल मीडिया पर 'चेन्नई का शाहीन बाग' कहा जा रहा है। शुक्रवार को इस क्षेत्र में सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी।

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