कोरोना मरीज के शव के साथ किया ऐसा, वीडियो वायरल, मच गया हड़कंप
देश में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बीच देश में अलग-अलग जगहों से कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। अब एक ऐसा ही मामला पुडुचेरी से सामने आया है। कोरोना मरीज के शव को सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों ने गढ्ढे में फेंक दिया।
नई दिल्ली: देश में कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बीच देश में अलग-अलग जगहों से कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। अब एक ऐसा ही मामला पुडुचेरी से सामने आया है। कोरोना मरीज के शव को सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों ने गढ्ढे में फेंक दिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कोरोना मरीज के शव के साथ यह व्यवहार चिंताजनक है। कोरोना मरीज के परिवार वाले अंतिम संस्कार करने में असमर्थ थे।
इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है जिसमें अधिकारी एक 44 वर्षीय शख्स के शव को फेंकते हुए नजर आ रहे हैं। यह शख्स चेन्नई से अपनी पत्नी से मिलने पुडुचेरी आया था। शख्स की पत्नी पुडुचेरी में अपने मात-पिता के घर पर रह रही थी। शख्स अपने ससुराल पहुंचा तो सीने में तेज दर्ज होने के बाद बेहोश हो गया। इसके बाद उसे पुडुचेरी के सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया और उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
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कोरोना वायरस की जांच की गई तो पता चला कि शख्स कोरोना संक्रमित था। परिवार वाले अंतिम संस्कार करने में असमर्थ थे। इसके बाद सरकारी टीम ही शव को दफनाने के लिए कब्रिस्तान ले गई, लेकिन शव की जगह गढ्ढे में फेंक दिया।
'ऐसी गलती बर्दाश्त नहीं'
इस घटना के सामने आने के बाद पुडुचेरी के स्वास्थ्य निदेशक डॉ मोहन कुमार ने बयान जारी कहा कि उन लोगों ने पहली बार ऐसी हरकत की है, क्योंकि वे कोरोना को लेकर डर गए थे। शव को दफनाने के लिए लेकर जा रहे थे जो प्लेन मैदान नहीं था।
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उन्होंने कहा कि वे अपने पैरों को बैलेंस नहीं कर पा रहे थे। उनको चेतावनी दी गई है कि ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए। उनका कहना है कि हमने जिला प्राधिकरण और अस्पताल प्राधिकरण को इसकी जानकारी दी है। उन्होने कहा कि हमने कहा है कि ऐसा नहीं होना चाहिए, यह सम्मानजनक तरीके से किया जाना चाहिए। इस तरह की गलती दोबारा स्वीकार नहीं की जाएगी।
स्वास्थ्य निदेशक ने इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 5 जून को हुई इस घटना में अस्पताल के अधिकारी, राजस्व, स्वास्थ्य और पुलिस सभी कोरोना मरीज के शव के दफन कार्य में शामिल थे। उन्होंने कहा कि हमने उन्हें गंभीरता से चेतावनी दी है और हमने अस्पताल से दोबार ऐसा ना हो इसके लिए एक स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है।
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मृतक के साथ ऐसे व्यवहार के लिए उसके परिवार वालों से माफी मांगने के सवाल पर स्वास्थ्य निदेशक डॉ मोहन कुमार ने कहा कि परिवार का कोई भी हमसे नहीं मिला है या किसी ने अब तक कुछ नहीं कहा है।