भारत की वैक्सीन जबरदस्त: बंदरों पर ट्रायल सफल, कोरोना का हुआ खात्मा

भारत बायोटेक ने खास तरह के बंदरों (Macaca mulata) पर वैक्‍सीन का ट्रायल किया था। फिलहाल इस वैक्‍सीन का भारत में अलग-अलग जगहों पर फेज 1 क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है।

Update: 2020-09-12 06:57 GMT
भारत के लिए बड़ी खुशखबरी है। भारत बायोटेक की कोरोना वायरस वैक्‍सीन 'कोवैक्सिन' (Covaxin) जानवरों पर ट्रायल में सफलता हासिल की है।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। इस जानलेवा महामारी की अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है। कई देशों में कोरोना वायरस वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। तो वहीं रूस ने कोरोना वैक्सीन बना लेने का दावा किया है। अब इस बीच भारत के लिए बड़ी खुशखबरी है। भारत बायोटेक की कोरोना वायरस वैक्‍सीन 'कोवैक्सिन' (Covaxin) जानवरों पर ट्रायल में सफलता हासिल की है।

कंपनी ने शुक्रवार को बताया कि Covaxin ने बंदरों में वायरस के प्रति ऐंटीबॉडीज विकसित की है। इसका मतलब यह है कि लैब के अलावा जीवित शरीर में भी यह वैक्‍सीन कारगर साबित हुई है। कंपनी ने बताया कि बंदरों पर स्‍टडी के नतीजों से वैक्‍सीन की इम्‍युनोजीनिसिटी (प्रतिरक्षाजनकता) का पता चलता है।

भारत बायोटेक ने खास तरह के बंदरों (Macaca mulata) पर वैक्‍सीन का ट्रायल किया था। फिलहाल इस वैक्‍सीन का भारत में अलग-अलग जगहों पर फेज 1 क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। भारत बायोटेक को सेंट्रल ड्रग्‍स स्‍टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने फेज 2 ट्रायल की इजाजत दे दी है।

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20 बंदरों को चार समूहों में बाटा गया था

भारत बायोटेक ने 20 बंदरों को चार समूहों में बाटा था और फिर इसके बाद रिसर्च किया। कंपनी ने एक ग्रुप को प्‍लेसीबो दिया तो वहीं बाकी तीन ग्रुप्‍स को तीन अलग-अगल तरह की वैक्‍सीन पहले और 14 दिन बाद दी गई। वैक्सीन की दूसरी डोज देने के बाद, सभी बंदरों को SARS-CoV-2 से एक्‍सपोज कराया गया। बंदरों में कोविड के प्रति रेस्‍पांस डेवलप होना शुरू हो गया था यह वैक्‍सीन की पहली डोज दिए जाने के तीसरे हफ्ते से हुआ। वैक्‍सीन दिए गए किसी भी बंदर में निमोनिया के लक्षण नहीं पाए गए।

कोवैक्सिन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR)-नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) और भारत बायोटेक ने मिलकर बनाया है। भारत बायोटेक ने 29 जून को घोषणा की थी कि उसने वैक्‍सीन तैयार कर ली है।

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Covaxin एक 'इनऐक्टिवेटेड' वैक्‍सीन है

ICMR-भारत बायोटेक की Covaxin एक 'इनऐक्टिवेटेड' वैक्‍सीन है। इसको उन कोरोना वायरस के पार्टिकल्‍स से बनाया गया है जिन्‍हें मार दिया गया था जिससे कि वे इन्फेक्‍ट न कर पाएं। कोविड का यह स्ट्रेन पुणे की NIV लैब में आइसोलेट किया गया था। इसकी डोज से शरीर में वायरस के खिलाफ ऐंटीबॉडीज तैयार होती है।

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भारत में बनी पहली कोरोना वैक्‍सीन Covaxin का फेज 1 ट्रायल 15 जुलाई 2020 से शुरू किया गया था। देशभर में 17 जगहों पर फेज 1 ट्रायल किए गए हैं। Covaxin ट्रायल की सारी डिटेल्‍स ICMR को भेजी जाएंगी। वहीं पर डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।

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