Jammu Kashmir:जम्मू कश्मीर में निवेशकों की भीड़, मुरलीधरन से लेकर कॉरपोरेट दिग्गज तक खरीद रहे जमीनें

Jammu Kashmir: उम्मीद की जा रही है कि जम्मू कश्मीर में 1.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा

Newstrack :  Network
Update:2024-07-08 13:47 IST

Jammu Kashmir

Jammu Kashmir: श्रीलंकाई स्पिनर मुथैया मुरलीधरन से लेकर दुबई स्थित एम्मार ग्रुप, भारत के कंधारी बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड से लेकर वेलस्पन ग्रुप तक, जम्मू-कश्मीर में अपना ठिकाना बनाने की कोशिश में हैं।जम्मू कश्मीर में अपने उद्यम स्थापित करने के लिए भूमि आवंटन के लिए तरह तरह के लोगों और कंपनियों से आवेदन मिले हैं। उम्मीद की जा रही है कि जम्मू कश्मीर में 1.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा।


6 हजार से ज्यादा आवेदन

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू कश्मीर में जमीनें लेने के लिए सरकार को 3 जुलाई तक 6,909 आवेदन प्राप्त हुए हैं। बताया जाता है कि जम्मू संभाग में 81,594.87 करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जबकि कश्मीर संभाग के लिए 41,633.09 करोड़ रुपये के प्रस्ताव आए हैं। जम्मू में 1,902 आवेदन कम आए हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि यहां बड़ी औद्योगिक इकाइयों को ज्यादा रुचि है, जिसके लिए कुल 39,484.94 कनाल (4,935.61 एकड़) जमीन की डिमांड है। कठुआ जिले में बहुत डिमांड है, क्योंकि यह जिला पड़ोसी पंजाब और हिमाचल प्रदेश से निकटता रखता है।कश्मीर घाटी में जमीनों के लिए 5,007 आवेदन आए हैं। यहां ज्यादातर मध्यम और छोटे उद्यमों के लिए प्रस्ताव आए हैं। कुल 29,375.89 कनाल (3,671.98 एकड़) जमीन की डिमांड आई है।


लाखों लोगों को रोजगार की उम्मीद

जम्मू कश्मीर में जितने उद्योगों के लिए आवेदन हैं उनसे 4,69,545 लोगों को रोजगार मिल सकता है - जिनमें से 2,17,760 जम्मू में और 2,51,785 कश्मीर में होंगे।पिछले एक साल में जम्मू संभाग में 21,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश पहले ही शुरू हो चुका है, जिसमें कठुआ के भागथली औद्योगिक एस्टेट में 14,594 करोड़ रुपये के निवेश वाली 15 बड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।

- मुथैया मुरलीधरन की सीलोन बेवरेजेस को कठुआ में 1,600 करोड़ रुपये की लागत से एल्युमीनियम कैन निर्माण और पेय पदार्थ भरने की इकाई स्थापित करने के लिए 206 कनाल भूमि आवंटित की गई है। कंपनी की ऑनलाइन प्रोफ़ाइल के अनुसार, यह श्रीलंका में सबसे बड़ी बेवरेज प्रोसेसिंग, बॉटलिंग और एक्सपोर्ट करने वाली इकाई है। ये कोका-कोला और नेस्ले जैसे ग्राहकों को सेवाएँ प्रदान करती है।

- कंधारी बेवरेजेस को 1,100 करोड़ रुपये की लागत से पेट बॉटलिंग प्लांट स्थापित करने के लिए 288 कनाल भूमि आवंटित की गई है, फैक्टरी का निर्माण शुरू हो गया है।

- सिंटेक्स वाटर टैंक बनाने वाली वेलस्पन ग्रुप और खाद्य पदार्थ बनाने वाली हल्दीराम को कठुआ में क्रमशः 850 करोड़ रुपये और 585 करोड़ रुपये के निवेश से अपनी इकाइयाँ स्थापित करने के लिए भूमि आवंटित की गई है।


- ब्लूमटेक्स 300 करोड़ रुपये की लागत से एक कपड़ा निर्माण इकाई स्थापित कर रही है।

- बुर्ज खलीफा के डेवलपर यूएई स्थित एमार ग्रुप को श्रीनगर में एक शॉपिंग मॉल और एक आईटी टावर और जम्मू में एक और आईटी टावर के निर्माण के लिए जमीन आवंटित की गई है, जिससे 500 करोड़ रुपये का एफडीआई आएगा।

- कठुआ जिले के घाटी में भी औद्योगिक इकाइयाँ आ रही हैं, जो 2021 में प्रशासन द्वारा नई औद्योगिक नीति तैयार करने के बाद पहली पूरी तरह से विकसित औद्योगिक एस्टेट थी। विनिर्माण इकाइयों में फार्मास्यूटिकल्स, पीईटी प्रीफॉर्म, बीओपीपी, पैकेजिंग, कपड़ा और पेय पदार्थ शामिल हैं।

क्या है जमीनों की स्थिति

रावी नदी के तट पर जंगली घास और झाड़ियों वाला असमान मैदान अब पूरी तरह से विकसित औद्योगिक क्षेत्र में तब्दील हो गया है।वहीं सांबा जिले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने लॉजिस्टिक पार्क स्थापित करने के लिए भूमि मांगी है। निवेशकों की इतनी भीड़ है कि जम्मू कश्मीर ने उन्हें एडजस्ट करने के लिए और अधिक जमीनों की तलाश शुरू कर दी है। ये भीड़ और भी बढ़ने की संभावना है।

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