Cyclone Remal : तबाही मचाने को तैयार चक्रवाती तूफान रेमल, कोलकाता एयरपोर्ट की उड़ानें रद, बंगाल से बिहार तक दिखेगा असर

Cyclone Ramal : चक्रवाती तूफान रेमल को लेकर पश्चिम बंगाल सहित बंगाल की खाड़ी से सटे क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है। कोलकाता एयरपोर्ट पर रविवार को दोपहर 12 बजे से 27 मई की सुबह नौ बजे तक उड़ान सेवाएं निलंबित कर दी गईं हैं।

Written By :  Rajnish Verma
Update: 2024-05-25 17:28 GMT

सांकेतिक तस्वीर (Photo - Social Media)

Cyclone Ramal : चक्रवाती तूफान रेमल को लेकर पश्चिम बंगाल सहित बंगाल की खाड़ी से सटे क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है। कोलकाता एयरपोर्ट पर रविवार को दोपहर 12 बजे से 27 मई की सुबह नौ बजे तक उड़ान सेवाएं निलंबित कर दी गईं हैं। रविवार की रात में रेमल चक्रवात के पश्चिम बंगाल से टकराने की आशंका है। चक्रवात के कारण 110 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव के कारण चक्रवाती तूफान बनने की आशंका है, इसका नाम रेमल रखा गया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चक्रवाती तूफान रेमल की आशंका को देखते हुए कोलकाता स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ाने निलंबित कर दी गईं हैं। इसे लेकर शनिवार को हुई बैठक के बाद एहतियाती कदम उठाया गया है। हवाई अड्डे के निदेशक सी पट्टाभि ने कहा कि पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में चक्रवाती तूफान रेमल और कोलकाता में तेज हवाओं और भारी बारिश की संभावना को देखते हुए 26 मई को दोपहर 12 बजे से 27 मई को सुबह नौ बजे तक उड़ानों को निलंबित करने का निर्णय लिया गया है।

26 मई की रात को टकराने की आशंका

भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, चक्रवाती तूफान का असर पश्चिम बंगाल से लेकर बिहार तक में देखा जा सकता है। 26 मई की रात को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के समुद्र तटों पर तूफान दस्तक दे सकता है। इस तूफान की रफ्तार 110 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की हो सकती है। यह 135 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार पकड़ सकता है।

तटीय क्षेत्रों में चेतावनी जारी

मौसम विभाग ने बताया कि 26 से 27 मई को पश्चिम बंगाल और ओडिशा सहित बंगाल की खाड़ी के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। चक्रवाती तूफान के कारण पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में 27 से 28 मई को भारी बारिश होने का अनुमान है। इस तूफान के कारण समुद्र में 1.5 से दो मीटर ऊंची लहरें उठने की आशंका है, जिससे तटीय निचले इलाके डूब सकते हैं। तूफान के कारण इन क्षेत्रों में भारी तबाही होने की आशंका है।

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